रूस के लिए लड़ा-यूक्रेन में किया सरेंडर… उस भारतीय छात्र के परिवार ने अब क्या कहा?

रूस के लिए लड़ा-यूक्रेन में किया सरेंडर… उस भारतीय छात्र के परिवार ने अब क्या कहा?

रूस की तरफ से युद्ध लड़ रहे 22 साल के भारतीय छात्र माजोती साहिल मोहम्मद हुसैन ने यूक्रेन के सामने सरेंडर कर दिया था. माजोती गुजरात के मोरबी का रहने वाला है, जो कि पढ़ाई के लिए रूस गया था. हालांकि इस संबंध में अभी तक यूक्रेन ने भारत को कोई औपचारिक सूचना नहीं दी है. यूक्रेनी सेना की तरफ से हुसैन का एक कथित वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें वह कह रहा है कि उसे ड्रग से जुड़े आरोपों में रूसी जेल में सात साल की सजा सुनाई गई है. जेल से बचने के लिए उसे रूसी सेना में शामिल होने का ऑफर दिया गया था. अब इस पूरे मामले में हुसैन के परिजनों ने उसकी वापसी की गुहार लगाई है.

गुजरात पुलिस ने बुधवार को पुष्टि की है कि हुसैन अपनी मां और नाना-नानी के साथ रहता था, जिसका रूस जाने से पहले किसी भी तरह का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. वह दो साल पहले रूस में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने के लिए गुजरात के मोरबी से गया था.

परिजनों ने लगाई मदद की गुहार

वीडियो सामने आने के बाद परिवारजनों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. परिजनों का कहना है कि उनके बेटे को फंसाया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार के अपील की है कि उसे वापस ले आइये. अहमदाबाद में उसकी मां और मामा से पूछताछ की जा रही है. जबकि उसकी दादी और मौसी ने खुद को घर में बंद कर लिया है, इसके पीछे की वजह बाहर निकलने का डर बताया जा रहा है. परिवार का कहना है कि हुसैन को फंसाया गया है. फिलहाल परिवार से पुलिस पूछताछ कर रही है.

एक रिश्तेदार अब्दुल इब्राहिम मजोती ने कहा, “वह पढ़ाई करने और काम करने गया था. वह एक होनहार बच्चा रहा है. हम सरकार से साहिल समेत ऐसे सभी युवाओं को वापस लाने का अनुरोध करते हैं.”

मामा के साथ रहता था हुसैन

गुजरात पुलिस ने पुष्टि की है कि हुसैन दो साल की उम्र में अपने माता-पिता के अलग होने के बाद अपनी मां और मामा के रिश्तेदारों के साथ रहता था. उसका रूस जाने से पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. अधिकारी इस मामले में छानबीन कर रहे हैं.

मंगलवार को सामने आया था वीडियो

हुसैन का वीडियो मंगलवार को सामने आया था. उसने वीडियो में कहा कि वह जेल नहीं जाना चाहता था, इसलिए उसने रूसी सेना का कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिया. उसे सिर्फ 16 दिन की ट्रेनिंग दी गई और 1 अक्टूबर को पहली बार युद्ध में भेजा गया था. इसके बाद उसका अपने ही कमांडर से झगड़ा हो गया था. यही वजह है कि उसने यूक्रेनी सेना के सामने समर्पण कर दिया.

हुसैन ने वीडियो में कहा कि मैंने हथियार डाल दिए और कहा कि मुझे लड़ना नहीं है. मुझे मदद चाहिए है. उसने कहा कि वह वापस रूस नहीं जाना चाहता है.

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