राजस्थान: बिजली हुई सस्ती लेकिन बढ़ेगा बिजली बिल, क्या है गणित?

राजस्थान: बिजली हुई सस्ती लेकिन बढ़ेगा बिजली बिल, क्या है गणित?

राजस्थान के लोगों के लिए बड़ी खबर है. 1 अक्टूबर 2025 से राज्य में नई बिजली टैरिफ लागू कर दी गई है. ऐसे में बिजली कंपनियों के नए रेट लागू होने से मिडिल क्लास और उद्योगों पर सीधा असर पड़ा है, जो लोग हर महीने लगभग 400 यूनिट बिजली खर्च करते हैं. उनका बिल करीब 490 रुपये बढ़ जाएगा. यानी अब हर महीने उन्हें करीब 14 प्रतिशत ज्यादा पैसा देना पड़ेगा. नई दरों में बिजली 15 पैसे सस्ती की गई है, लेकिन स्थायी शुल्क 350 रुपये बढ़ा दिया गया है. इसलिए ज्यादा बिजली खर्च करने वालों को फायदा नहीं, बल्कि ज्यादा बिल चुकाना पड़ेगा.

300 यूनिट से ज्यादा बिजली इस्तेमाल करने वालों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. पहले 400 यूनिट बिजली पर करीब 7.65 रुपये प्रति यूनिट खर्च आता था. अब नई दरों से 260 रुपये की थोड़ी राहत तो मिली है, लेकिन स्थायी शुल्क 450 रुपये से बढ़कर 800 रुपये कर दिया गया है. इस वजह से कुल मिलाकर हर महीने का बिल करीब 490 रुपये बढ़ जाएगा.

Electricity

बेसिक दर 6.30 रुपये प्रति यूनिट

स्टील कारोबारियों के मुताबिक अब बिजली की बेसिक दर 6.30 रुपये प्रति यूनिट हो गई है, लेकिन पहले मिलने वाली 60 पैसे की छूट खत्म कर दी गई है. इसके अलावा अब एक रुपये प्रति यूनिट का अतिरिक्त चार्ज और 50 प्रतिशत लोड फैक्टर लागू होने से उद्योगों का बिजली खर्च काफी बढ़ गया है. बिजली दरों में बढ़ोतरी से स्टील उत्पादों के दाम बढ़ने की संभावना है.

कई स्टील फैक्ट्रियां काम बंद कर सकती हैं!

उद्योगपतियों का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द बिजली दरों में राहत नहीं दी तो उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में कई स्टील फैक्ट्रियां काम बंद कर सकती हैं या फिर दूसरे राज्यों में शिफ्ट हो सकती हैं, जहां बिजली सस्ती है. उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में बिजली की महंगाई से न सिर्फ स्टील सेक्टर प्रभावित होगा, बल्कि इससे रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ेगा. वहीं सरकार पर भी दबाव बढ़ रहा है कि वह उद्योगों को राहत देने के लिए तत्काल कदम उठाए.

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