बैकफुट पर पवन सिंह, पत्नी ज्योति सिंह ने संभाली कमान… जानें भोजपुरी स्टार का सियासी प्लान

बैकफुट पर पवन सिंह, पत्नी ज्योति सिंह ने संभाली कमान… जानें भोजपुरी स्टार का सियासी प्लान

भोजपुरी गायक और स्टार पवन सिंह का सियासी सफर शुरू होने के साथ ही उस पर ग्रहण लग गया. पत्नी ज्योति सिंह के आरोप और सार्वजनिक रूप से चर्चा के बाद पवन सिंह ने इस साल विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है और वह पूरी तरह से बैकफुट पर चले गये हैं, लेकिन वहीं, उनकी पत्नी ज्योति सिंह चुनावी मैदान में दिख रही हैं. रविवार को उनके पिता रामबाबू सिंह ने ऐलान किया है कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगी.

रामबाबू सिंह ने साफ कहा कि उनकी बेटी ज्योति सिंह का इस बार का बिहार चुनाव लड़ना पूरी तरह तय है, हालांकि अभी तक पार्टी और विधानसभा सीट नहीं तय हुई है, हालांकि रोहतास जिले के काराकाट सीट से उनके चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है.

क्या टूट गया है पवन सिंह का सपना?

काराकोट लोकसभा सीट से साल 2024 में पवन सिंह ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था. हालांकि वह हार गए थे. काराकाट लोकसभा सीट सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के राजा राम कुशवाहा के खाते में गई थी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा को पराजय का सामना करना पड़ा था. एनडीए की मुंह की खानी पड़ी थी.

इससे पहले भी पवन सिंह को भाजपा ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट पर भाजपा ने पवन सिंह को उतारा था. उनके खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के बाबुल सुप्रियो उम्मीदवार थे. लेकिन चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस ने उनके महिला विरोधी गानों को मुद्दा बनाया था और अंततः चुनाव मैदान से उन्हें पीछे हटना पड़ा था.

थम गया पवन सिंह का सियासी सफर

उसके बाद पवन सिंह ने काराकाट से सियासी भाग्य अजमाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें पराजय मिली थी और अब बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हुए और यह कहा जा रहा था कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन जिस तरह से उनकी पत्नी ज्योति सिंह ने उन पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए. उससे उनके खिलाफ हवा बनने लगी और अंततः उन्होंने चुनाव मैदान से हटने का फैसला लिया है.

हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने साफ कहा कि वह भाजपा के सिपाही बने रहेंगे और उन्होंने पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए नहीं शामिल हुए थे, लेकिन उनका चुनाव लड़ने का सपना टूट गया है.

ज्योति सिंह ने किया चुनाव लड़ने का ऐलान

लेकिन उनकी पत्नी उनकी जगह अब चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं. उनके पिता रामबाबू कहते हैं कि पवन सिंह के लिए ज्योति सिंह ने चुनाव प्रचार किया था और उस समय से उनका गहना नाता जुड़ गया है.

रामबाबू लगातार पवन सिंह पर हमला बोल रहे हैं और उन्हें आरोप लगाया कि ज्योति के साथ अपनी शादी जारी रखने के लिए पवन सिंह ने सभी सुलह के प्रयासों से इनकार कर दिया है.यह मामला फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है.

इस बीच, ज्योति सिंह की हाल ही में जन सूरज पार्टी के नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात हुई है. उसके बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गईं. ऐसा कहा जा रहा है कि ज्योति सिंह जन सुराज की टिकट से चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है. जन सुराज पार्टी ने बिहार चुनाव के लिए 51 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है.

जानें पवन सिंह का क्या है प्लान

दूसरी ओर, पवन सिंह के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के बाद उन्हें बैकफुट पर जाना माना जा रहा है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से पत्नी के साथ विवाद सार्वजनिक हो गये थे और उसे लेकर चर्चाएं हो रही थी. उसे देखते हुए पवन सिंह ने फिलहाल इंतजार करने का फैसला किया है, लेकिन यह केवल उनका ठहराव है. वह लंबी पारी खेलने की तैयारी कर रहे हैं.

सूत्रों का कहना है कि पवन सिंह की नजर लोकसभा चुनाव पर है. भाजपा पवन सिंह का इस्तेमाल युवाओं और राजपूत वोटबैंक को लुभाने में भविष्य में कर सकती है.

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