बांग्लादेश में अब आवामी लीग पर एक्शन, चुनाव नहीं लड़ पाएगी शेख हसीना की पार्टी

बांग्लादेश में अब आवामी लीग पर एक्शन, चुनाव नहीं लड़ पाएगी शेख हसीना की पार्टी

न्यूयॉर्क में 80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस भी शामिल हुए थे. सत्र में भाषण देने के अलावा मोहम्मद यूनुस ने इस दौरान डिजिटल मीडिया GTO के मेहदी हसन से भी खास बातचीत की.

इस इंटरव्यू में उन्होंने बांग्लादेश की राजनीति और हालात पर खुलकर अपनी राय रखी, खासकर आवामी लीग और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर. उन्होंने बताया है कि शेख हसीना की पार्टी चुनाव क्यों नहीं लड़ पाएगी?

पिछले साल हुए आंदोलन पर क्यों बोले यूनुस?

यूनुस ने कहा कि हाल ही में हुए जुलाई जनआंदोलन के बाद देश की राजनीतिक स्थिति पूरी तरह बदल गई है. इस आंदोलन के दौरान आम लोग सड़कों पर उतरे और अंततः आवामी लीग सरकार को सत्ता से हटाया गया. उन्होंने बताया कि शेख हसीना इस दौरान भारत शरण लेने गई थीं. उनके देश में लंबे समय तक एकाधिकार और मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं के बावजूद, जनता ने बदलाव की मांग की.

क्यों आवामी लीग चुनाव नहीं लड़ा पाएगी?

मुख्य सलाहकार ने बताया कि आवामी लीग पर अब कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं. उन्होंने तीन बड़े कारण गिनाए कि क्यों पार्टी आगामी चुनाव नहीं लड़ पाएगी.

1. पहला, जनआंदोलन ने देश की राजनीतिक शक्ति संरचना को पूरी तरह बदल दिया है.

2. दूसरा, पार्टी की वर्तमान नेतृत्व शैली और पुराने तरीकों की वजह से जनता में उनका समर्थन कमजोर हुआ है.

3. तीसरा, सरकार ने कई नीतिगत और कानूनी कदम उठाए हैं जिससे पार्टी की गतिविधियाँ रोक दी गई हैं.

यूनुस ने यह भी कहा कि यह बदलाव केवल राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी जरूरी था. उन्होंने जोर देकर कहा कि अब बांग्लादेश को लोकतंत्र की नई दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, जहां जनता की आवाज सबसे महत्वपूर्ण हो.

हसीना पर क्या कहा यूनुस ने?

इस इंटरव्यू में यूनुस ने शेख हसीना के प्रति भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हसीना लंबे समय तक देश पर हावी रही हैं, लेकिन अब परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं. उनके इस बयान से साफ है कि देश में राजनीतिक परिवर्तन की प्रक्रिया तेज हो रही है और आवामी लीग को नए नियमों और प्रतिबंधों के तहत अपने भविष्य की रणनीति तय करनी होगी.

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