बदलते मौसम में छोटे बच्चों को रहता है बीमारियों का खतरा, एक्सपर्ट्स से जानें देखभाल के तरीके
मौसम के बदलने पर तापमान में उतार-चढ़ाव, हवा में नमी और संक्रमण फैलाने वाले वायरस एक्टिव हो जाते हैं. ऐसे में छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता, जिससे वे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं. कभी सुबह ठंडी हवा और दोपहर में तेज धूप तो कभी अचानक बारिश या ठंड बढ़ने से शरीर के तापमान का संतुलन बिगड़ जाता है. यही अस्थिरता बच्चों में स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करती है. मौसम बदलते समय बच्चों का शरीर नए वातावरण के अनुसार एडजस्ट होने में समय लेता है, इसीलिए संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
बदलते मौसम में बच्चों को आमतौर पर वायरल इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम, गले का संक्रमण, फ्लू, डेंगू, खांसी-बुखार और एलर्जी जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इनमें नाक बहना, छींक आना, गले में दर्द, शरीर में थकान, भूख कम लगना और हल्का बुखार आम लक्षण हैं. कुछ मामलों में बच्चों को सांस लेने में दिक्कत, सीने में घरघराहट या उल्टी-दस्त भी हो सकते हैं. ऐसे में अगर बच्चा सुस्त रहने लगे, दूध या खाना न खाए, बार-बार रोए या तेज बुखार हो, तो तुरंत बच्चों के डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. समय पर इलाज न होने पर संक्रमण बढ़ सकता है और बच्चे की इम्यूनिटी और कमजोर हो सकती है.
बदलते मौसम में छोटे बच्चों की देखभाल कैसे करें?
दिल्ली एम्स के पीडियाट्रिक विभाग में डॉ. हिमांशु भदानी बताते हैं कि सबसे पहले बच्चों को मौसम के अनुसार कपड़े पहनाएं, न ज़्यादा भारी और न बहुत हल्के. ठंड या गर्मी के अचानक बदलाव से बचाने के लिए लेयरिंग वाले कपड़े बेहतर रहते हैं. घर में साफ-सफाई पर खास ध्यान दें, क्योंकि संक्रमण के वायरस ज्यादातर सतहों पर टिके रहते हैं. बच्चे को गुनगुना पानी पिलाएं, ताकि गला साफ रहे और शरीर हाइड्रेटेड रहे.
उन्हें हेल्दी डाइट दें, जिसमें मौसमी फल, सब्जियां, दालें और दूध शामिल हों ताकि इम्यूनिटी मजबूत हो. बाहर ले जाते समय भीड़भाड़ या प्रदूषण वाली जगहों से दूर रखें. अगर मौसम ठंडा है तो धूप में कुछ देर बैठाना फायदेमंद होता है. साथ ही, बच्चे के हाथ बार-बार धोने की आदत डालें और सर्दी-जुकाम के लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज शुरू करें.
इन चीजों का भी ध्यान रखें
बच्चे को ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम या ठंडा पानी न दें.
कमरे में उचित वेंटिलेशन रखें.
बच्चे की नींद पूरी होने दें.
रोजाना हल्की एक्सरसाइज या खेलकूद करवाएं.
बच्चे की साफ-सफाई, खासकर हाथ और नाखून की स्वच्छता का ध्यान रखें.
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