पाउडर मिल्क से जुड़ी इन गलतफहमियों पर भरोसा करने की न करें भूल, जानें सच्चाई
पाउडर मिल्क का ट्रेंड पिछले कुछ समय से काफी बढ़ गया है. बच्चों से लेकर बड़ों सभी को यह दिया जा रहा है. साथ ही इसका उपयोग मिठाइयां, चाय, कॉफी और कई चीजों को बनाने के लिए किया जाता है. कहा जाता है कि यह पोषक तत्वों का अच्छा सोर्स है, लेकिन क्या है बच्चों को देना सही है. इसके लेकर कई मिथक भी हैं. कई बार पेरेंट्स सोचते हैं कि मिल्क पाउडर से बच्चे का वजन बढ़ जाता है या फिर यह उनके लिए सही नहीं होता है. लेकिन ये क्या सिर्फ एक मिथक है या फिर इसके पीछे फैक्ट भी हैं.
इसके साथ ही पाउडर मिल्क के अलावा भी पाउडर मिल्क से जुड़ी कई मिथक हैं, जिन पर लोग आसानी से यकीन कर लेते हैं. आइए जानते हैं कि पाउडर दूध में मिलावट होती है, पाउडर दूध बच्चों के लिए हानिकारक होता है, पाउडर दूध में पोषण की कमी होती है और ऐसे दूसरे सवालों से जवाब एक्सपर्ट से
मिथक: पाउडर मिल्क से बढ़ता है वजन
सच : अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटलमें सीनियर कंसलटेंट ऑब्सट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजीडॉक्टर निखत सिद्दीकी कई बार पेरेंट्स सोचते हैं कि मिल्क पाउडर से बच्चे का वजन बहुत तेजी से बढ़ता है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है. इसमें कई पोषक तत्व होते हैं जो बच्चे की ग्रोथ के लिए मदद करते हैं. लेकिन यह मां के दूध की जगह ऑप्शन नहीं है. मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी और नेचुरल तत्व बच्चे की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करते हैं, जो फॉर्मलू या पाउडर मिल्क में नहीं मिलता. अगर बच्चे को मेडिकल कारणों से या माँ के दूध की कमी होने पर पाउडर मिल्क दिया जाता है, तो यह सुरक्षित और पोषण से भरपूर विकल्प हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हर बच्चा इससे असामान्य रूप से मोटा हो जाएगा. बच्चे का बढ़ने का वजन कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे कि जेनेटिक, खानपान और दूसरे कई बातें.
मिथक: पाउडर मिल्क में मिलावट होती है
सच : आपने भी कभी न कभी सुना होगा कि पाउडर मिल्क में मिलावट होती है और यह बच्चे या बड़े दोनों के लिए हानिकारक होता है, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है. असलमें जो ब्रांडेड और मानक कंपनियों का पाउडर दूध होता है, वह सही गुणवत्ता जांच और सुरक्षा मानकों के बाद मार्केट में आता है. इसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं. लेकिन अच्छी ब्रांड का मिल्क पाउडर लेना चाहिए. लोकल पाउडर में मिलावट की संभावना हो सकती है. जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं. इसलिए मिल्क पाउडर लेते समय विश्वसनीय ब्रांड और एफएसएसएआई जैसे प्रमाणित उत्पादों का ही चुनाव करें. नियमित जांचे-परखे हुए पाउडर दूध सेहत के लिए सुरक्षित होते हैं और उसमें मिलावट का खतरा बहुत कम होता है. गलतफहमी के बजाय सही जानकारी और सतर्कता जरूरी है.

मिल्क पाउडर से जुड़े मिथक ( Credit : Getty Images )
मिथक: पाउडर दूध में पोषण की कमी होती है
सच : अक्सर लोगों को कहते हुए सुना है कि पाउडर दूध में पोषक तत्वों की कमी होती है, लेकिन यह परूी तरह से सच नहीं है. असल में, मानक कंपनियों द्वारा तैयार किया गया पाउडर दूध सही तरह से बनाया जाता है. इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल्स जैसे जरूरी पोषक तत्व मिलाए जाते हैं. इसका उद्देश्य बच्चों और बड़ों दोनों को बैलेंस पोषक तत्व देना होता है, खासकर तब जब ताजा दूध उपलब्ध न हो. पाउडर दूध पोषण से भरपूर होता है लेकिन यह मां के दूध का विकल्प पूरी तरह नहीं हो सकता. इसलिए यह कहना कि पाउडर दूध में पोषण की कमी होती है, एक मिथक है. सही ब्रांड और डॉक्टर की सलाह के मुताबिक इसे लिया जाए, तो यह फायदेमंद और सेफ हो सकता है.
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मिथक: पाउडर दूध बच्चों के लिए हानिकारक होता है
सच : पाउडर दूध उन परिस्थितियों में सेफ ऑप्शन होता है, जब मां का दूध उपलब्ध न हो या पर्याप्त मात्रा में न बने. इसमें आवश्यक पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स मिलाए जाते हैं ताकि बच्चे के विकास में कोई कमी न रहे. हालांकि यह याद रखना जरूरी है कि मां का दूध बच्चे के लिए सबसे बेहतर ऑप्शन है. पाउडर दूध केवल तब नुकसानदायक हो सकता है जब इसे गलत तरीके से तैयार किया जाए, मिलावट वाला या लोकल अनसर्टिफाइड पाउडर उपयोग किया जाए या डॉक्टर की सलाह के बिना दिया जाए. इसलिए बच्चा हो या फिर बड़ा इसे लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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