एसिडिटी से स्मोकिंग तक, गले में सूजन के पीछे हो सकती हैं ये वजह
गले में खराश होने की सबसे आम वजह वायरल संक्रमण माना जाता है. यह सर्दी इन्फ्लूएंजा या फिर दूसरे किसी कारणों से भी होता है. लेकिन कई बार यह सूजन लंबे समय तक बनी रहती है, जिसके कारण कई लोग परेशान रहते हैं. इसके अलावा थायराइड की समस्या, शराब और यहां तक कि कैंसर भी इसका कारण हो सकता है. द सन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गले में खराश का सबसे आम कारण एक वायरल संक्रमण है, जैसे सर्दी या फ्लू हो सकता है.
वायरल इंफेक्शन ज्यादातर रेसपिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करते हैं, एयरबोर्न होते हैं और नाक या मुंह से शरीर में जाते हैं. इसलिए सबसे पहले गला इफेक्टेड होता है और सूजन नजर आती है. लेकिन इसके अलावा भी गले में सूजन होने के पीछे कई दूसरे कारण हो सकते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में
एलर्जी होना
पराग या फिर पालतू जानवर के फल से एलर्जी गले में स्क्रैच का कारण बन सकती है. धूल, परागकण और पालतू जानवरों की रूसी से होने वाली एलर्जी नाक से शरीर में अंदर जाती है और सूजन का कारण बन सकती है. इससे अक्सर नाक से पानी आना, जहां बलगम गले के निचले हिस्से में गिरती है, जिससे टिशू में जलन और दर्द जैसे समस्या देखने को मिलती है. इसके अलावा छींक आना, आंखों में खुजली या पानी आना, नाक बंद होना और खांसी जैसे समस्या हो सकती है.
लाइफस्टाइल
कुछ लोग स्मोकिंग करते हैं या फिर रात में शराब पीते हैं, तो इससे भी गला खराब हो सकता है. ज्यादा शराब पीने के कारण गले में लगातार या बार-बार खराश हो सकती है. इससे सूजन बढ़ सकती है. गले और खाने की नली की परत को नुकसान पहुंचता है और रिफ्लेक्स टाइप लक्षण के लक्षण नजर आ सकते हैं. एसिड बढ़ने के कारण गले में जलन होने लग जाती है. इसके अलावा तम्बाकू में मौजूद टॉक्सिन्स सब्सटेंस और धूम्रपान से भी गले में सूजन हो जाती है. साथ ही शराब और सिगरेट दोनों ही इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देते हैं, जिससे आपको इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. कॉफी, शराब, टमाटर, चॉकलेट और ऑयली फूड्स लक्षणों को ज्यादा बढ़ा सकता है. आराम, सूथिंग ड्रिंक्स और हाइड्रेट रहने से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं.
टॉन्सिलाइटिस
द सन के मुताबिक ब्रिटेन में हर साल 100 वयस्कों में से लगभग चार को प्रभावित करता है. टॉन्सिलिटिस टॉन्सिल की सूजन होती है. यह आमतौर पर वायरल संक्रमण के कारण होता है, हालांकि बैक्टीरिया जिम्मेदार हो सकते हैं. गले में खराश के साथ रेडनेस, सूजन, सफेद या पीले धब्बे, बुखार, सांसों से बदबू आना और थकान भी दिखाई दे सकती है. अगर लक्षण गंभीर, लगातार या बार-बार नजर आ रहे हैं या सांस लेने या निगलने में कोई परेशानी हो रही है तो एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए. लक्षणों के मुताबिक डॉक्टर बीमारी का पता लगाकर इलाज शुरू करते हैं.
एसिड रिफ्लक्स
गैस्ट्रो-ओसोफेगल रिफ्लक्स रोग जीओआरडी के कारण गले में खराश का कारण बनता है क्योंकि पेट में एसिड ग्रासनली में बढ़ता है और गले तक पहुंचता है, जो जलन और इरिटेशन का कारण बन सकता है. इसके अलावा सीने में जलन, खाने खाने या खट्टा खाने के बाद लगातार खांसी, आवाज बैठना, हिचकी और गेल में गांठ जैसी परेशानी महसूस हो सकती है. लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे कि ज्यादा मात्रा में या देर से भोजन करने से बचना चाहिए. वजन कम करने से लेकर अपने बिस्तर को ऊंचा करना ताकि आपका सिर कमर से ऊपर रहे. कॉफी, शराब, टमाटर, चॉकलेट और मसालेदार खाने से एसिड रिफ्लक्स की समस्या बढ़ सकती है. इसलिए इन सब चीजों का सेवन सीमित मात्रा में करें और सोने से तीन से चार घंटे पहले खाना खा लें.
थायराइड की समस्या
थायराइड गर्दन में तितली के आकार का एक छोटा ग्लैंड होता है, जो हार्मोन प्रोडक्शन करता है. अगर यह ठीक से काम नहीं करता है या फिर इसमें हार्मोन कम या ज्यादा हो जाते हैं. तो थायराइड की समस्या कभी-कभी गले में खराश का कारण बन सकती है. खासकर अगर ग्लैंड में सूजन हो जाती है. इसमें थायराइड की समस्या संकेत दे सकते हैं उनमें गर्दन में सूजन, निगलने में कठिनाई, आवाज बैठना, थकान, वजन में बदलाव, गर्मी या ठंडी न सहन पाना और हार्ट रेट में बादल जैसे लक्षण भी शामिल है. यदि आपके गले की खराश कम नहीं होती है, तो आपको डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए.
कैंसर
इस बात की थोड़ी संभावना होती है कि गले में खराश या सूजन कैंसर का कारण बन सकता है. यह गले, फेफड़े, ग्रासनली और थायराइड कैंसर का संभावित संकेत है. इसके अलावा आवाज हम होना, निगलने में परेशानी, बिना किसी वजह वजन कम होना, लगातार कान में दर्द, गर्दन में गांठ या खांसी के साथ खून आने जैसे लक्षण भी इसमें दिखाई दे सकते हैं.
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