अपने होम लोन को करने जा रहे दूसरे बैंक में स्विच तो पहले जान लें ये बातें, वरना होगा नुकसान
होम लोन लेना ज्यादातर भारतीयों के लिए एक बड़ा फैसला होता है, क्योंकि यह अक्सर उनकी जिंदगी का सबसे लंबा और भारी आर्थिक बोझ बन जाता है. आजकल कई लोग कम ब्याज दर पाने के लिए होम लोन बैलेंस ट्रांसफर का रास्ता अपनाते हैं, यानी अपने बकाया लोन को एक बैंक से निकालकर किसी दूसरे बैंक में शिफ्ट कर देते हैं. लेकिन क्या ये हर बार फायदेमंद होता है? इसका जवाब हर किसी के लिए अलग हो सकता है. इसलिए इस कदम को उठाने से पहले कुछ अहम बातों को समझना बेहद जरूरी है.
कम ब्याज दर हमेशा फायदा नहीं देती
बेशक, कम ब्याज दर पर लोन लेना सुनने में बहुत अच्छा लगता है. मान लीजिए आपका मौजूदा बैंक आपसे 9% ब्याज ले रहा है, और दूसरा बैंक 8.5% पर लोन देने को तैयार है. आधा प्रतिशत का अंतर छोटा लग सकता है, लेकिन अगर लोन की अवधि लंबी है, तो यह आपको लाखों रुपये की बचत दे सकता है.
लेकिन ध्यान दें यह फायदा ज्दायातर तब होता है जब लोन की अवधि की शुरुआत में ट्रांसफर किया जाए. शुरुआती सालों में आपकी EMI का बड़ा हिस्सा ब्याज में जाता है, इसलिए उस वक्त कम ब्याज का लाभ ज्यादा होता है. लोन के आखिरी सालों में ट्रांसफर करने पर उतना फायदा नहीं होता, क्योंकि तब आप ज्यादातर मूलधन चुका रहे होते हैं.
ट्रांसफर की छुपी हुई लागतें भी जानिए
लोन ट्रांसफर कोई फ्री प्रोसेस नहीं होता. नया बैंक आपको लोन देने से पहले प्रोसेसिंग फीस, वैल्यूएशन फीस और लीगल चार्जेज जैसे कई खर्च ले सकता है. कई बार ये खर्च हजारों से लेकर लाखों तक जा सकते हैं, जो आपकी कुल बचत को निगल सकते हैं.
अगर आपकी लोन की बकाया राशि कम है या लोन की अवधि खत्म होने वाली है, तो ट्रांसफर का फायदा शायद आपकी लागत से कम हो सकता है. इसलिए बिना पूरा गणित समझे, सिर्फ ब्याज दर के चक्कर में ट्रांसफर करना नुकसानदेह हो सकता है.
सिर्फ दरें नहीं, सुविधाएं भी मायने रखती हैं
कुछ लोग ब्याज दर से ज़्यादा बैंक की सुविधाओं के कारण ट्रांसफर करने का सोचते हैं. नया बैंक आपको टॉप-अप लोन, फ्लेक्सीबल EMI विकल्प, और कम प्री-पेमेंट चार्ज जैसी सुविधाएं दे सकता है. अगर आपका मौजूदा बैंक कड़े नियम रखता है, जैसे हर बार प्री-पेमेंट पर जुर्माना लगाना, तो नया बैंक ज्यादा आरामदायक साबित हो सकता है.
कब न करें बैलेंस ट्रांसफर?
अगर आपने अपने होम लोन का आधे से ज़्यादा हिस्सा चुका दिया है, तो ट्रांसफर से आपको खास फायदा नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि अब EMI का बड़ा भाग मूलधन में जा रहा होता है, और ब्याज कम रह जाता है. इसके अलावा, अगर आपके क्रेडिट स्कोर में गिरावट आई है, तो नया बैंक आपको अच्छी शर्तों पर लोन देने से मना भी कर सकता है. ऐसी स्थिति में ट्रांसफर करना ज़्यादा परेशानी भरा हो सकता है.
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