Viral Video: इस ऐप पर मिलते हैं रईस दूल्हे, लड़की ने बताई ‘एलिट डेटिंगऐप’ कीखासियत
भारत में पारंपरिक रिश्तों की तलाश के साथ-साथ ऑनलाइन मैचमेकिंग प्लेटफ़ॉर्म भी लंबे समय से लोगों की जिंदगी का हिस्सा रहे हैं. शादी.कॉम, जीवनसाथी और भारत मैट्रिमोनी जैसे ऐप्स ने वर्षों से लाखों लोगों को उनका जीवनसाथी खोजने में मदद की है. अब इसी कड़ी में एक नया नाम जुड़ गया है Knot.dating, लेकिन इस ऐप के पीछे एक दिलचस्प मोड़ भी है, जिसने सोशल मीडिया पर चर्चा छेड़ दी है और इस महिला का वीडियो आते ही छा गया.
दरअसल, हाल ही में एक वकील ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस ऐप के बारे में एक वीडियो साझा किया. वीडियो वायरल होते ही लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देने लगे. उस वकील ने वीडियो में बताया कि Knot.dating खुद को भारत का AI आधारित मैट्रिमोनियल ऐप बताता है. उन्होंने कहा टिंडर और शादी.कॉम को भूल जाइए, अब भारत में Knot.dating नाम का एक नया AI matrimonial ऐप आया है. लेकिन यह सबके लिए नहीं है. ये सिर्फ Top 1% पुरुषों के लिए है. यानी यहां आपको देश के सबसे सफल और संपन्न पुरुष मिलेंगे.
क्या है इस एप की खासियत
महिला ने आगे बताया कि ऐप में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शर्तें रखी गई हैं. पुरुषों के लिए यह अनिवार्य है कि उनकी सालाना आय कम से कम 50 लाख रुपये होनी चाहिए. जबकि महिलाओं के लिए कोई भी ऐसी शर्त नहीं है, उन्होंने कहा. इसके बाद उन्होंने सवाल उठाया कि यह तो सीधा-सीधा गोल्ड डिगर सेंट्रल जैसा लग रहा है. मतलब, महिलाएं बस आकर अमीर पतियों की तलाश करें. ऐसा विचार कोई कैसे सोच सकता है?
वकील महिला का ये वीडियो लोगों के बीच आते ही छा गया और लोग इसे जमकर एकदूसरे के साथ शेयर कर रहे हैं. इंस्टाग्राम पर इसे तीन लाख से अधिक बार देखा जा चुका है.वीडियो पर लोगों की राय मिली-जुली रही. एक यूजर ने लिखा कि शादी हमेशा सामाजिक, आर्थिक और बौद्धिक समानता के आधार पर होनी चाहिए. अगर कोई प्लेटफॉर्म इसी सोच पर काम कर रहा है, तो इसमें बुराई क्या है? मैं तो इस वेबसाइट को जरूर देखता. वहीं, दूसरे यूज़र ने कहा कि अगर पुरुषों के लिए आय की शर्त रखी गई है, तो महिलाओं के लिए भी कोई मानदंड होना चाहिए. सिर्फ एक तरफा नियम सही नहीं है.
लोगों के रिएक्शन
कुछ लोगों ने इस ऐप को एलिट डेटिंग का नया रूप बताया. उनका कहना था कि दुनिया भर में कई ऐसे प्लेटफॉर्म पहले से मौजूद हैं, जो केवल उच्च आय वर्ग या सामाजिक स्तर वाले लोगों के लिए बने हैं. लेकिन भारत जैसे समाज में, जहां शादी को सामाजिक बराबरी से ज्यादा भावनात्मक जुड़ाव के रूप में देखा जाता है, इस तरह के विचार पर स्वाभाविक रूप से विवाद होना तय है.
यहां देखिए वीडियो
Instagram पर यह पोस्ट देखें
वहीं कुछ लोग इसे पारंपरिक रिश्तों की सोच से परे एक नया प्रयोग मानते हैं. उनका कहना है कि अगर कोई महिला आर्थिक रूप से स्थिर व्यक्ति से विवाह करना चाहती है, तो यह उसकी व्यक्तिगत पसंद है और अगर कोई पुरुष खुद को हाई-वैल्यू बताना चाहता है, तो वह भी उसका अधिकार है. हालांकि, बहस इस बात पर अटक गई कि क्या इस तरह के ऐप रिश्तों को एक लेन-देन की प्रक्रिया में बदल देंगे? क्या प्यार और समानता की जगह अब पैसों और स्टेटस का महत्व बढ़ जाएगा?
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