US: टैरिफ के बाद अब भारतीय स्टूडेंट पर आफत, वीजा जारी करने में 44% की गिरावट

US: टैरिफ के बाद अब भारतीय स्टूडेंट पर आफत, वीजा जारी करने में 44% की गिरावट

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वीजा को लेकर सख्त रुख अपनाया है. इसी के चलते पिछले साल की तुलना में अब अमेरिका की तरफ से जारी किए गए स्टूडेंट वीजा की संख्या पिछले साल की तुलना में घट गई है.

स्टूडेंट वीजा की संख्या पिछले साल के इस पीरियड की तुलना में लगभग 19% घट गई है. इसी के साथ भारतीय स्टूडेंट की संख्या में भी भारी कमी दर्ज की गई है.

इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में जब आमतौर पर अमेरिकी यूनिवर्सिटी में नए सेशन की शुरुआत होती है. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आयोग के डाटा के मुताबिक तब अमेरिका ने लगभग 3,13,138 छात्र वीजा जारी किए. यह अगस्त 2024 की तुलना में 19.1% की गिरावट सामने रखता है.

44% आई गिरावट

भारतीय छात्र सबसे बड़ी तादाद में अमेरिका पढ़ने के लिए जाया करते थे. लेकिन, अब स्टूडेंट की तादाद में गिरावट आई है. इसी के बाद भारत को पीछे छोड़कर चीन इसमें आगे बढ़ गया है. भारत, जो पिछले साल तक अमेरिका को सबसे ज़्यादा छात्र भेजने वाला देश था, में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई — 44.5% कम वीजा जारी किए गए. हालांकि, चीन के छात्रों के वीज़ा में भी कमी आई, लेकिन वो भारत जितनी बड़ी नहीं थी.

अगस्त में अमेरिका ने चीन के छात्रों को 86,647 वीजा जारी किए जो कि भारतीय छात्रों को जारी किए गए वीजा की तुलना में दो गुना से भी अधिक हैं.

हजारों छात्रों के वीजा किए रद्द

राष्ट्रपति ट्रंप, जो व्हाइट हाउस में वापसी के बाद से इमिग्रेशन (immigration) पर सख्ती अपना रहे हैं उन्होंने यह नीति अपनाई है. उनकी सरकार यूनिवर्सिटी को “लेफ्ट” (वामपंथी विचारधारा) का गढ़ मानती है. विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जून महीने में (जो कि वीज़ा प्रक्रिया का चरम समय होता है) छात्र वीजा की प्रक्रिया अस्थायी रूप से रोक दी थी, ताकि अमेरिकी दूतावासों को आवेदकों के सोशल मीडिया खातों की जांच करने का आदेश दिया जा सके.

रुबियो ने हजारों छात्र वीजा रद्द कर दिए, जिनमें कई मामलों में कारण यह बताया गया कि छात्रों ने इजराइल की आलोचना की थी और इस आधार पर उन्हें अमेरिका की विदेश नीति के खिलाफ माना गया.

नियमों में किए बदलाव

भारत से संबंधित नियमों में भी बदलाव किए गए हैं — अब ट्रंप प्रशासन ने यह तय किया है कि भारतीय आवेदक अपने देश के अमेरिकी दूतावास के अधिकार क्षेत्र (jurisdiction) के बाहर वीजा आवेदन नहीं कर सकते, भले ही किसी क्षेत्र में लंबा बैकलॉग क्यों न हो.

ट्रंप प्रशासन ने भारत के खिलाफ कई ऐसे कदम उठाए हैं जो पहले की अमेरिकी नीतियों के उलट हैं. जैसे H-1B वीजा. ट्रंप ने H-1B वीजा पर भारी नई फीस भी लगा दी है.

हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा है कि वो चीन से आने वाले छात्रों की संख्या बढ़ाने के पक्ष में हैं ताकि बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच संबंधों में सुधार हो सके. नए आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि कई मुस्लिम-बहुल देशों से छात्र वीजा में भारी कमी आई है — उदाहरण के लिए ईरान से छात्रों के वीजा में 86% की गिरावट दर्ज की गई है.

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