Tulsi Mala Rules: तुलसी की माला पहनकर क्या-क्या नहीं करना चाहिए?
तुलसी माला पहनने के जिस तरह बहुत से लाभ हैं, उसी तरह बहुत से नियम भी हैं. इसे पहनने से आर्थिक तंगी दूर होती है, जीवन में सकारात्मकता आती है, भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और कई यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. तुलसी माला पहनने के नियमों का पालन न करने से व्यक्ति को दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है.
तुलसी माला पहनने से पहले इसका शुद्धिकरण जरूर करना चाहिए. पहले इसे गंगाजल से शुद्ध करें और सूखने के बाद ही गले में धारण करना चाहिए. तुलसी माला पहनते समय शरीर और कपड़े साफ होने चाहिए.
तुलसी माला पहनने के बाद मांसाहार, मदिरापान, प्याज-लहसुन और तामसिक चीजों से बचना चाहिए. साथ ही, माला पहनकर झूठ बोलना, धोखा देना या हिंसा जैसे बुरे काम नहीं करने चाहिए. मांसाहार या नशा करने वाले व्यक्ति को भी तुलसी की माला धारण नहीं करनी चाहिए.
तुलसी माला को पहनकर किसी भी अशुद्ध स्थान या शौचालय या श्मशान घाट नहीं जाना चाहिए. इसे नहाते समय या शौचालय जाते समय तुलसी माला नहीं पहननी चाहिए. इन जगहों पर जाने के लिए माला उतार देनी चाहिए, लेकिन माला उतारने के बाद इसे जमीन पर नहीं रखना चाहिए.
सोते समय तुलसी माला पहनना धार्मिक और व्यक्तिगत शुद्धता पर निर्भर करता है. हालांकि, किसी भी असुविधा या अशुद्धता से बचने के लिए विवाहित व्यक्ति को सोते समय तुलसी की माला उतार देनी चाहिए और किसी पवित्र स्थान पर रख देना चाहिए.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान तुलसी की माला पहनना या उसे छूना वर्जित माना जाता है, क्योंकि इस अवधि को शारीरिक रूप से अशुद्ध माना जाता है. ऐसे में तुलसी की पवित्रता को बनाए रखने के लिए माला को उतार देना चाहिए.
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