श्रीलंका ने चक्रवात ‘दित्वा’ के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से हुई तबाही और 200 से अधिक लोगों की मौत के बाद रविवार को भारत की सहायता से राहत और बचाव कार्य जारी रखा।
श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) की ओर से रविवार शाम चार बजे जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार से अब तक 212 लोगों की मौत हो चुकी है और 218 लोग लापता हैं।
डीएमसी ने बताया कि 9,98,918 लोग प्रभावित हुए हैं।
इस बीच, भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और भारतीय वायुसेना के कर्मी लोगों की जान बचाने में श्रीलंकाई अधिकारियों की सहायता के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा,“एनडीआरएफ के कर्मी श्रीलंका में स्थानीय अधिकारियों के साथ करीबी समन्वय के तहत राहत अभियान जारी रखे हुए हैं।”
भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु के तहत एनडीआरएफ के 80 कर्मियों के दो तलाश एवं बचाव दलों को श्रीलंका भेजा है।
भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने एक साहसिक अभियान के तहत भारतीयों समेत फंसे हुए यात्रियों को एक प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर निकाला।
वायुसेना ने कहा कि इस अभियान के दौरान तीन गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए हेलीकॉप्टर के जरिये अस्पताल भेजा गया।
इसके अलावा वायुसेना की टीम ने श्रीलंकाई सेना के “पांच टीमों (40 सैनिकों)” को भी दियाथलावा सैन्य शिविर से कोटमाले क्षेत्र में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर से पहुंचाया।
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