Shani Nakshatra Parivartan 2025: 3 अक्टूबर को शनि करेंगे पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश, इन राशि वालों की बढ़ेगी टेंशन!
Shani In Purva Bhadrapada Nakshatra: ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्मफल दाता माना गया है. शनि जिस राशि या नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, उसका सीधा असर सभी राशि वालों पर देखने को मिलता है. इस बार 3 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को शनि देव पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं. यह नक्षत्र गुरु ग्रह यानी बृहस्पति का है. ऐसे में शनि और गुरु की ऊर्जा मिलकर कई राशियों पर गहरा असर डालेंगी. इस गोचर से जहां कुछ राशि वालों के जीवन में तरक्की और स्थिरता आएगी, वहीं तीन राशि के जातकों को सतर्क रहने की जरूरत है.
इन 3 राशि वालों को रहना होगा सावधान!
शनि का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर, मेष, कन्या और मीन राशि के जातकों के लिए कुछ मुश्किलें खड़ी कर सकता है. इन राशि वालों को इस दौरान खास सावधानी बरतने की जरूरत होगी.
मेष राशि (Aries)
मेष राशि के जातकों को इस नक्षत्र परिवर्तन के दौरान थोड़ी अधिक सतर्कता बरतनी होगी.
तनाव और सेहत: चूंकि शनि आपकी राशि से बारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं और आप पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण भी चल रहा है, इसलिए मानसिक तनाव बढ़ सकता है. अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें, खासकर आंखों और पैरों से जुड़ी समस्या हो सकती है.
कार्यक्षेत्र: काम-काज में रुकावटें और अनचाही देरी का सामना करना पड़ सकता है. सहकर्मियों और अधिकारियों से संबंध बनाकर रखें.
आर्थिक: वित्तीय मामलों में कोई भी बड़ा जोखिम लेने या सट्टा निवेश करने से बचें, क्योंकि धन हानि के योग बन रहे हैं.
कन्या राशि (Virgo)
कन्या राशि वालों के लिए शनि का यह गोचर उनके वैवाहिक जीवन और साझेदारी के मामलों में उथल-पुथल ला सकता है.
संबंध: पार्टनर के साथ बातचीत में संयम रखें. छोटी-छोटी बातों पर तनाव बढ़ सकता है. अविवाहितों के विवाह में देरी या रुकावट आ सकती है.
व्यापार और करियर: साझेदारी के व्यापार में सोच-समझकर कदम उठाएं. किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा करना नुकसानदायक हो सकता है. नौकरीपेशा जातकों को कार्यस्थल पर अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ सकती है.
मानसिक शांति: अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें. सामाजिक स्तर पर भी किसी विवाद में पड़ने से बचें, क्योंकि आपकी बातों का गलत अर्थ निकाला जा सकता है.
मीन राशि (Pisces)
मीन राशि के जातकों पर पहले से ही शनि की साढ़ेसाती चल रही है, ऐसे में यह नक्षत्र परिवर्तन उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है.
वित्तीय मामले: इस अवधि में धन से जुड़े मामलों में दिक्कतें आ सकती हैं. अचानक खर्च बढ़ सकते हैं और निवेश में लाभ कम होने की संभावना है. लालच में आकर किसी गलत जगह निवेश न करें.
पारिवारिक जीवन: घर-परिवार में थोड़ा गंभीर माहौल रह सकता है, जिससे आप मानसिक रूप से परेशान होंगे.
निर्णय: किसी भी अहम निर्णय को जल्दबाजी में लेने से बचें. करियर के क्षेत्र में धैर्य बनाकर आगे बढ़ें. विपरीत परिस्थितियों में शांत रहकर उनका सामना करने की कोशिश करें.
क्या हैं शनि के नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपाय?
शनि देव कर्मों के अनुसार फल देते हैं, इसलिए इस समय आपको अपने कर्मों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. ज्योतिष के अनुसार, इन नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए आप ये उपाय कर सकते हैं:
शनिवार की पूजा: हर शनिवार को शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
मंत्र जाप: प्रतिदिन ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें.
दान: गरीब और जरूरतमंद लोगों को काले तिल, उड़द दाल, सरसों का तेल और काले वस्त्र दान करें.
हनुमान जी की पूजा: मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना भी बहुत ही शुभ फलदायी होता है.
बड़ों का सम्मान: अपने माता-पिता और वरिष्ठजनों का आदर करें और उनका आशीर्वाद लें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र के नियमों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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