गया में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC-ST) अत्याचार से पीड़ित 38 व्यक्तियों को 23 लाख 55 हजार 550 रुपए का मुआवजा दिया गया है। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने इस राशि के भुगतान का आदेश दिया, जो सीधे पीड़ित परिवारों के बैंक खातों में जमा की जाएगी। यह मुआवजा बिहार सरकार के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दिया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि गया जिले के विभिन्न थानों से हासिल प्राथमिकियों और आरोप पत्रों के आधार पर कुल 38 मामलों में यह स्वीकृति दी गई। इनमें से 32 मामले प्राथमिकी (FIR) के आधार पर पहली किस्त के रूप में 19 लाख 55 हजार 550 रुपए के भुगतान से संबंधित हैं। वहीं, 6 मामले आरोप पत्र (चार्जशीट) के आधार पर दूसरी किस्त के रूप में 4 लाख रुपए के भुगतान के लिए स्वीकृत किए गए हैं। अत्याचार से सुरक्षा देने के लिए अधिनियम डीएम ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को अत्याचार से सुरक्षा देने के लिए यह अधिनियम लागू करती है। इस अधिनियम के तहत राहत अनुदान की राशि सीधे पीड़ितों के आधार से जुड़े बैंक खातों में डीबीटी (प्रत्यक्ष फायदा हस्तांतरण) के माध्यम से भेजी जा रही है। अधिनियम की धारा 3 (1) (r) (s) के तहत गाली-गलौज और अपमानित करने के मामलों में कुल 1 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है। इसमें प्राथमिकी दर्ज होने पर 25,000 रुपए, न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 50,000 रुपए और दोष सिद्ध होने पर शेष 25,000 रुपए का भुगतान किया जाता है। इसी प्रकार, मारपीट और गंभीर चोट के मामलों में अधिनियम की धारा 3 (2) (va) के तहत कुल 2 लाख रुपए का प्रावधान है। इसमें प्राथमिकी पर 50,000 रुपए, न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 1 लाख रुपए और दोष सिद्ध होने के बाद शेष 50,000 रुपए का भुगतान किया जाता है।
https://ift.tt/t1vLgkq
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply