संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया। इस सत्र में 19 दिनों की अवधि में कुल 15 बैठकें होंगी। विपक्षी सांसदों द्वारा बार-बार की गई नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन के बाद लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। प्रदर्शनकारी विपक्षी सांसदों की मुख्य माँग देश भर में मतदाता सूचियों से संबंधित विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभ्यास पर चर्चा कराना था। वहीं, संसद के शीतकालीन सत्र के आरंभ में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति सी.पी. राधाकृष्णन का हार्दिक स्वागत किया। राधाकृष्णन पहली बार उच्च सदन की अध्यक्षता करने के लिए संसद पहुँचे, जिससे उनके अध्यक्ष पद पर कार्यकाल की शुरुआत हुई।
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लोकसभा की कार्यवाही
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित रही और सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे के बीच ही लोकसभा ने ‘मणिपुर माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025’ पारित किया। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पेश किया।
बैठक शुरू होने पर सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को कुछ दिवंगत पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी और सभा ने कुछ पल मौन रखकर दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अध्यक्ष ने महिला विश्वकप क्रिकेट और महिला कबड्डी विश्वकप में भारत की जीत पर हर्ष व्यक्त करते हुए खिलाड़ियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। वहीं, विपक्ष के हंगामे पर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आज शीतकालीन सत्र का पहला दिन हैं। सभी सदस्यों से अपेक्षा है कि वे रचनात्मक भागीदारी निभाएं। लोकतंत्र में सहमति, असहमति होती रही है, वैचारिक मतभेद भी होते हैं। लेकिन चर्चा, संवाद से ही समाधान निकलता है। पिछले सत्र में भी मैंने आपसे आग्रह किया था कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और हमें अच्छी परिपाटियां और परंपराएं स्थापित करनी चाहिए।’’
सरकार ने सोमवार को लोकसभा को सूचित किया कि पिछले पांच साल में संसाधनों का सबसे अच्छा इस्तेमाल करने के लिए असम में 2,900 से ज्यादा सरकारी स्कूलों को पास के स्कूलों में मिला दिया गया है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 41,455 करोड़ रुपए के शुद्ध अतिरिक्त व्यय के लिए सोमवार को लोकसभा से मंजूरी मांगी जिसमें से 27,000 करोड़ रुपये से अधिक उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी से जुड़ा व्यय शामिल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वर्ष 2025-26 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों का पहला बैच पेश किया।
सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर खत्म होने के बाद भी तंबाकू, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कुल कर भार समान बनाए रखने के लिए सोमवार को दो विधेयक लोकसभा में पेश किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों की भारी नारेबाजी के बीच ये विधेयक पेश किए।
राज्यसभा की कार्यवाही
राज्यसभा के सभापति सी पी राधाकृष्णन ने सोमवार को उच्च सदन में अपने प्रथम संबोधन में सदस्यों से संविधान के प्रति निष्ठावान रहने और संसदीय आचरण की निर्धारित ‘लक्ष्मण रेखा’ का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उच्च सदन के पास बहुत विधायी कार्य हैं और समय को लेकर सदस्यों व पीठ दोनों के सामने चुनौती होगी। राधाकृष्णन ने कहा, “हर कोई — चाहे सभापति हों या सदस्य — हम सभी को राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। भारत का संविधान और राज्यसभा के नियम हमारे संसदीय आचरण की लक्ष्मण रेखा तय करते हैं। हर सदस्य के अधिकारों की रक्षा की जाएगी, लेकिन उस लक्ष्मण रेखा के भीतर ही।”
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की विपक्ष की मांग पर विचार कर रही है और इस मांग को खारिज नहीं किया गया है। वहीं विपक्ष ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा नहीं कराए जाने पर सदन से बहिर्गमन किया। उच्च सदन में विपक्ष की इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग पर रीजीजू ने विपक्ष से कहा कि वह एसआईआर, चुनाव सुधारों पर चर्चा के समय के लिए कोई शर्त नहीं रखे। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को सभापति सी.पी. राधाकृष्णन से मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया पर चर्चा कराने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि वह राज्य सभा के संरक्षक हैं।
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राज्यसभा में सोमवार को प्रधानमंत्री, सदन के नेता, नेता प्रतिपक्ष सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने नये सभापति सी पी राधाकृष्णन को यह दायित्व संभालने के लिए बधाई देते हुए उम्मीद जतायी कि सांसद के रूप में उनके अनुभव से सदन के कुशल संचालन में मदद मिलेगी। कई दलों के सदस्यों ने सदन के सभी पक्षों को बोलने का समान अवसर देने का अनुरोध किया। राधाकृष्णन का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि साधारण पृष्ठभूमि से उठकर सी. पी. राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की वास्तविक शक्ति को प्रदर्शित करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनका अनुभव और मार्गदर्शन उच्च सदन की कार्यवाही के सुचारू संचालन में सहायक होगा। राधाकृष्णन का स्वागत करते हुए सदन के नेता जे पी नड्डा ने उम्मीद जतायी वह संसद के उच्च सदन का कुशलतापूर्वक संचालन करेंगे। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस ‘‘संवैधानिक मूल्यों और सदन की परंपराओं’’ के साथ दृढ़ता से खड़ी है और कार्यवाही के सुचारू संचालन में सहयोग करेगी।
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