Rohini Vrat moon worship benefits: रोहिणी व्रत आज, क्यों है इस दिन चंद्रमा की पूजा करना इतना शुभ?

Rohini Vrat moon worship benefits: रोहिणी व्रत आज, क्यों है इस दिन चंद्रमा की पूजा करना इतना शुभ?

Rohini Vrat 2025: जैन धर्म के साथ-साथ हिंदू परंपरा में भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाने वाला रोहिणी व्रत (Rohini Vrat) आज, 11 अक्टूबर, 2025 (शनिवार) को रखा जा रहा है. यह व्रत रोहिणी नक्षत्र के योग में पड़ता है, इसलिए इस दिन चंद्रमा की पूजा का एक विशेष और अनूठा महत्व माना जाता है. महिलाएं यह व्रत मुख्य रूप से अपने पति की लंबी आयु, परिवार की सुख-समृद्धि और आरोग्य की कामना के लिए करती हैं. आइए, विस्तार से जानते हैं कार्तिक माह में पड़ने वाले इस रोहिणी व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त और इस दिन चंद्रमा की पूजा करने का विशेष महत्व क्या है.

रोहिणी व्रत 2025: कार्तिक माह की सही तिथि और मुहूर्त

  • पंचमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर, 2025, शुक्रवार, शाम 7 बजकर 38 मिनट से
  • पंचमी तिथि का समापन 11 अक्टूबर, 2025, शनिवार, शाम 4 बजकर 43 मिनट पर
  • रोहिणी नक्षत्र की अवधि 11 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 20 मिनट तक (लगभग)

चूंकि पंचमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग 11 अक्टूबर को उदया तिथि में मौजूद रहेगा, इसलिए व्रत इसी दिन रखा जाएगा.

रोहिणी व्रत पर चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व

रोहिणी व्रत पर मुख्य रूप से जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य की आराधना की जाती है. हालांकि, ज्योतिष और हिंदू परंपरा में इस दिन चंद्रमा की पूजा का भी खास विधान है, क्योंकि यह व्रत सीधे तौर पर रोहिणी नक्षत्र और चंद्र देव से जुड़ा है.

चंद्र देव को रोहिणी हैं सबसे प्रिय

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रमा की 27 पत्नियां हैं, जिनमें से रोहिणी उन्हें सबसे अधिक प्रिय हैं.जब चंद्रमा अपने सबसे प्रिय नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करते हैं, तो उनकी सकारात्मक ऊर्जा चरम पर होती है.इस विशेष योग में चंद्र देव की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है.

मानसिक शांति और शीतलता का कारक

  • ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन, भावनाओं और शांति का कारक ग्रह माना जाता है.
  • इस दिन चंद्र देव की पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है.
  • यह उपाय मानसिक तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है.
  • चंद्रमा शीतलता प्रदान करने वाला ग्रह है, इसलिए उनकी पूजा से जीवन में भी शीतलता और शांति का वास होता है.

वैवाहिक जीवन में प्रेम और दीर्घायु का वरदान

  • रोहिणी व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र (दीर्घायु) और वैवाहिक सुख के लिए रखा जाता है.
  • चंद्रमा को दीर्घायु और प्रेम का भी प्रतीक माना गया है.
  • व्रत के दौरान चंद्र देव को अर्घ्य देने से पति की आयु बढ़ती है और उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
  • यह पूजा पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम और मधुरता बनाए रखने में भी मदद करती है.

चंद्र दोष में राहत

जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है या ‘चंद्र दोष’ होता है, उन्हें इस दिन चंद्रमा की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए. यह पूजा चंद्र दोष को शांत कर मानसिक शक्ति और एकाग्रता प्रदान करती है.

रोहिणी व्रत की पूजा विधि में चंद्रमा का स्थान

रोहिणी व्रत के दिन व्रती महिलाएं पूरे दिन उपवास रखती हैं. शाम के समय भगवान वासुपूज्य की पूजा के बाद, रात में चंद्रमा के उदय होने पर उनकी पूजा की जाती है. शाम को चंद्रोदय के समय एक थाली में जल, दूध, अक्षत (चावल) और सफेद फूल मिलाकर रखें. चंद्रमा को यह अर्घ्य अर्पित करें. चंद्र देव से सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना करें. व्रत का पारण रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने पर किया जाता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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