प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) एक्ट (VB-G RAM G) 2025 का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह कानून सिर्फ ग्रामीणों को मजदूरी देने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे गांवों में काम के साथ-साथ स्थायी संपत्तियां बनेंगी, खेती को मजबूती मिलेगी और लंबे समय में ग्रामीण इलाकों की उत्पादकता बढ़ेगी। PMO के मुताबिक, इस कानून को बनाने से पहले केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से बात की। इसके अलावा विशेषज्ञों के साथ तकनीकी बैठकों और अलग-अलग हितधारकों के साथ चर्चा भी की गई, ताकि सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा सके। VB-G RAM G बिल संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के हंगामे और विरोध के बीच 18 दिसंबर को पास हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 21 दिसंबर को मंजूरी दी, इसके बाद यह कानून बना था। यह नया कानून MGNREGA की जगह लागू किया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक आर्टिकल शेयर किया। शिवराज बोले- कांग्रेस नेता भ्रम फैला रहे इससे पहले मंगलवार को नागौर में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा था- ‘कांग्रेस चिंतित है और योजना की आलोचना कर रही है। वह दावा कर रही है कि इससे नौकरियां छिन जाएंगी। यह कहीं बेहतर योजना है जो गांवों को पूरी तरह बदल देगी।’ उन्होंने कहा, ‘हमने इसे कम नहीं किया बल्कि बढ़ाया है। वे मजदूरों को डराने और भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। योजना के तहत अब कुल वार्षिक व्यय अनुमानित रूप से 1.51 लाख करोड़ रुपए है। कांग्रेस में बैठे लोग न तो खेत समझते हैं न गांव। उन्होंने न खेत देखे हैं न गांव न मिट्टी। उन्हें यह भी नहीं पता कि आलू जमीन के नीचे उगते हैं या ऊपर।’ दूसरे दलों ने नए अधिनियम का विरोध जताया हालांकि, VB-G RAM G Act को लेकर राजनीति विरोध भी सामने आया है। DMK के नेतृत्व वाले गठबंधन ने चेन्नई में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। विपक्षी दलों का आरोप है कि नए नियमों से रोजगार गारंटी कमजोर होगी और केंद्र व राज्यों के बीच तालमेल पर असर पड़ेगा। नए कानून से ज्यादा काम मिलेगा सरकार ने कहा कि नए कानून में हर ग्रामीण परिवार को अब साल में 125 दिन काम देने की गारंटी होगी, जो पहले 100 दिन थी। इससे गांवों में रहने वाले परिवारों को ज्यादा काम मिलेगा और उनकी आर्थिक सुरक्षा मजबूत होगी। कानून की धारा 22 के तहत इस योजना के खर्च को केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर वहन करेंगी। सामान्य राज्यों में खर्च का बंटवारा 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य के बीच होगा। वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों, पहाड़ी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों- जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत खर्च उठाएगी। धारा 6 के अनुसार, राज्य सरकारें खेती के व्यस्त समय, जैसे बुवाई और कटाई के दौरान, साल में अधिकतम 60 दिनों तक इस योजना के तहत मिलने वाले काम को नियंत्रित कर सकेंगी। ———————————- ये खबर भी पढ़ें… संसद में VB-G RAM G समेत 8 बिल पास, कांग्रेस बोली- शुरुआत टैगोर के और अंत महात्मा गांधी के अपमान से हुआ 1 दिसंबर से शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चला। केंद्र सरकार ने 14 बिल लाने की बात कही थी। विपक्ष का आरोप है कि 12 बिल ही पेश किए गए। दोनों सदनों से 8 बिल पास किए गए। 2 बिल कमेटी को भेजे गए। सरकार ने कुछ बिल पेश ही नहीं किए। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने आरोप लगाया- सत्र की शुरुआत रवींद्रनाथ टैगोर के अपमान से हुई और अंत महात्मा गांधी के अपमान के साथ हुआ। पूरी खबर पढ़ें…
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