बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार का पश्चाताप करने के बाद प्रशांत किशोर ने अपना मौन तोड़ा है। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा- सरकार ने 10-10 हजार रुपए देकर वोट खरीदे हैं। इन लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर वोट खरीदे। 6 महीने में महिलाओं को 2-2 लाख नहीं मिले तो एक-एक मंत्री और अफसर का घेराव करूंगा।’ ’10-10 हजार देकर ये लोग जीते हैं। लोगों को लालच देकर उनका वोट खरीदा है। ये अन्याय है। इसके आगे जनसुराज कभी झुकेगा नहीं। जनसुराज हारा नही है, उसे कुचलने का प्रयास हुआ है।’ प्रशांत किशोर ने बिहार को बदलने के लिए जनता से एकक-एक हजार रुपए की मदद मांगी है। उन्होंने कहा, ‘जो हमारी मदद नहीं की, उन लोगों से मैं नहीं मिलूंगा। मैं एक साल में एक हजार मांग रहा हूं, चाहे तो ज्यादा भी दे सकते हैं।’ ‘लोगों के मन में सवाल है कि 3 साल मैं बिहार में घूमा, पैसे खत्म हो गए। अब कहां से पैसे आएंगे। मैं जनता को बता दूं, मैं अगले 5 साल तक जो कमाऊंगा उसका 90% पैसा जनसुराज में लगाऊंगा। पिछले 20 साल में मैंने जो भी संपत्ति अर्जित की है। दिल्ली वाला घर छोड़कर मैं अपनी सारी संपत्ति जनसुराज को डोनेट कर रहा हूं।’ गांधी आश्रम में किया 24 घंटे का मौन व्रत जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पश्चिम चंपारण के भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम में 24 घंटे का मौन व्रत किया। पीके पूरी रात धरना स्थल पर बैठे-बैठे हीं सो गए, सुबह-सुबह भी वो सोते नजर आए। बिहार की सभी 243 सीटों पर लड़ी जनसुराज का चुनाव में खाता तक नहीं खुला। इतना ही नहीं पार्टी के 98 फीसदी कैंडिडेट की जमानत तक जब्त हो गई। नतीजों के 3 दिन बाद प्रशांत किशोर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हार की जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने माफी मांगते हुए एक दिन का मौन उपवास करने की बात कही थी। प्रशांत किशोर के मौन उपवास की तस्वीरें… विरोध नहीं, आत्ममंथन का उपवास जन सुराज की ओर से बताया गया, यह मौन उपवास किसी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है, बल्कि प्रशांत किशोर के आत्ममंथन और जनता के संदेश को अंदर से समझने का प्रयास है। बताया गया कि वे पिछले कई दिनों से संगठन की आगे की दिशा और मिशन 2025 पर मंथन कर रहे थे, जिसके बाद उन्होंने इस शांतिपूर्ण उपवास का फैसला लिया। NDA पर वोट खरीदने का लगाया आरोप जन सुराज नेता सह भोजपुरी अभिनेता रितेश पांडे ने गुरुवार को कहा, प्रशांत किशोर ने बिहार में ईमानदारी लाने का प्रयास किया। लोगों ने देखा कि कोई सच में गरीबी, पलायन और अशिक्षा पर बात कर रहा है, तो कुछ लोगों ने लोकतंत्र में सबसे घृणित काम वोट खरीदने का रास्ता अपना लिया। जिस राज्य में खुद गरीबी है, वहीं बिहारियों की अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया गया। भास्कर के सवाल पर भड़क गए थे प्रशांत किशोर मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में PK पहले तो भास्कर के सवाल पर भड़क गए। उनकी आवाज, बात करने का तरीका सब बदल गया। फिर सवालों के बीच ही एकबार जाने के लिए खड़े हो गए, लेकिन फिर मीडिया से बातचीत करने लगे। दरअसल, PK ने प्रचार के दौरान दावा किया था कि JDU को 25 से ज्यादा सीटें आईं तो राजनीति छोड़ दूंगा। रिपोर्टर ने इसे लेकर उनसे सवाल किया तो जवाब मिला- मैं किसी पद पर नहीं जो उसे छोड़ दूं। आप मेरी बातों को इतना मत पकड़ा कीजिए। इसके बाद प्रशांत किशोर बाकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उखड़े-उखड़े नजर आए। पढ़िए भास्कर के जिन सवालों पर भड़क गए प्रशांत किशोर सवाल: आपने कहा था JDU को 25 से ज्यादा सीटें आईं तो राजनीति छोड़ दूंगा? जवाब: किस पद पर हूं कि इस्तीफा दे दूं। मैंने ये नहीं कहा था कि बिहार छोड़कर चला जाऊंगा। राजनीति तो मैंने पहले ही छोड़ दी है, लेकिन ये नहीं कहा कि बिहार की बात करना छोड़ दूंगा। सवाल: आपने कहा था मैं 130 सीटें आने पर भी अपनी हार मानूंगा, आपकी तो एक भी सीट नहीं आई, कहां कमी रह गई। जवाब: मैंने पहले ही कहा, हमने हिंदू-मुस्लिम की राजनीति नहीं की। लोगों को बांटने का काम नहीं किया। भ्रष्टचार नहीं किया, भ्रष्ट नेताओं को टिकट नहीं दिया। जातिवाद की राजनीति नहीं की, इसके बावजूद अगर मुझसे कोई गलती हुई है, तो मैं माफी मांगता हूं। सवाल: क्या आप बिहार को नहीं समझ पाए? जवाब: हम मान गए कि मुझे बिहार की समझ नहीं है। अगर मेरे ये कहने से आप खुश हो जाएंगे तो आप खुश हो जाइए। सवाल: 3 साल पैदल चलने के बाद क्या मिला? जवाब: हम हारे इसे स्वीकार करता हूं। जिनको समझ है वो जीत गए, उन्हें सत्ता मुबारक। मुझे नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी की तरह बिहार की समझ नहीं। बिहार को ये नेता मुबारक। सवाल: आपने बिहार बदलने की बात कही..आप हारने के चौथे दिन सामने आए, कैसे बिहार बदलेंगे जवाब: आप तो ऐसे सवाल कर रहे हैं, जैसे मैंने बिहार बदलने की बात कहकर कोई गुनाह कर दिया हो। मैं अभी भी यही हूं, जब सही समय आया तो आपसे बात कर रहा हूं। इसके बाद प्रशांत किशोर ने झल्लाते हुए कहा- आपलोग तो मेरा ही पोस्टमॉर्टम कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें। सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी के प्रदर्शन की बात करें तो 238 में से 233 कैंडिडेट मतलब 98% की जमानत जब्त हो गई है। पार्टी एक सीट मढ़ौरा पर दूसरे नंबर तक पहुंच पाई। वह भी तब जब NDA के प्रत्याशी का नामांकन खारिज हो गया था। जनसुराज को करीब 2% वोट मिलता दिख रहा है। इससे अच्छा प्रदर्शन तो असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और मायावती की BSP की है। AIMIM 28 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसे 1.9% वोट शेयर के साथ 5 सीटों पर जीत मिली है। जबकि, 181 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली BSP को 1.6% वोट शेयर के साथ एक सीट पर जीत मिली है। अपने घर में भी जमानत नहीं बचा पाए प्रशांत किशोर प्रशांत किशोर रोहतास जिले से आते हैं। इसमें विधानसभा की 7 सीटें हैं। उनके अपने जिलों की सभी सीटों पर भी पार्टी अपनी जमानत नहीं बचा पाई है। उनकी अपनी विधानसभा करगहर में पार्टी को सिर्फ 7.42% वोट मिला है। प्रशांत किशोर के दावे और हकीकत… चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने बड़े-बड़े दावे किए। जो चुनावी रिजल्ट में धराशाई हो गए। जैसे… 1. JDU 25 से कम सीटें जीतेगी, नीतीश CM नहीं बनेंगे; ऐसा नहीं हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रशांत किशोर ने दावा किया कि नीतीश कुमार अब मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उनकी सरकार जा रही है। 9 नवंबर को एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा- नीतीश सरकार जा रही है। 14 नवंबर के बाद नई सरकार आएगी। 7 अक्टूबर को एक इंटरव्यू में उन्होंने ये तक कहा कि JDU की 25 से कम सीटें आएंगी। अगर ज्यादा सीट आई तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। हकीकत- आज NDA न सिर्फ सरकार में लौटी है, बल्कि पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करते हुए 202 सीटें जीत गई है। प्रशांत किशोर का खाता तक नहीं खुला है। वहीं JDU 85 सीटें जीती है। और वो विधानसभा में नंबर-3 से नंबर-2 की पोजिशन पर पहुंच गई है। अब देखना होगा कि क्या पीके राजनीति छोड़ देंगे। 2. जनसुराज को 130 सीटें मिली तो भी मैं अपनी हार मानूंगा सितंबर में प्रशांत किशोर ने कई मौकों पर कहा कि 2025 में बिहार इतिहास रचेगा। जनसुराज पार्टी की सरकार बनेगी। अगर 125-130 सीटें आई तो इसे भी मैं अपनी हार मानूंगा। हकीकत- जनसुराज को खाता भी नहीं खुला है। 98% प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। 3. महागठबंधन लड़ाई में नहीं है, NDA-जनसुराज मेन प्लेयर है चुनाव से 3 महीने पहले से प्रशांत किशोर यह दावा करते रहे कि इस बार लड़ाई NDA और जनसुराज के बीच है। महागठबंधन लड़ाई में नहीं है। हकीकत- चुनाव नतीजे देखें तो लड़ाई में जनसुराज रही ही नहीं। NDA और महागठबंधन के बीच ही लड़ाई हुई और जीत NDA की हुई। 4. बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन 45% से ज्यादा दागियों को दिया टिकट चुनाव से पहले प्रशांत किशोर दावा करते थे कि हम साफ-सुथरी राजनीति करने आए हैं। समाज के अच्छे लोगों को पार्टी टिकट देगी। हकीकत- ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, जनसुराज पार्टी के 231 प्रत्याशियों में से 108 पर क्रिमिनल केस है। इसमें से 100 पर गंभीर क्रिमिनल केस है। 25 प्रत्याशियों पर हत्या के प्रयास का केस, 12 प्रत्याशियों पर हत्या का आरोप, 14 प्रत्याशियों पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का केस है। 1280 दिन, 6,000KM पैदल चले, फिर भी नतीजा जीरो पार्टी को दिया 98 करोड़ रुपए का चंदा 29 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रशांत किशोर ने पार्टी और अपनी आय के फंडिंग के बारे में जानकारी दी।
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