Parenting Tips: बच्चा बनता जा रहा है बहुत आलसी, समय रहते इस तरह करें सुधार
हर माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने का पूरी कोशिश करते हैं. पढ़ाई के साथ ही उन्हें कई एक्टिविटी सीखते हैं. लेकिन कुछ बच्चे सिर्फ एक तरफ बैठ मोबाइल पर रील या गैस देखते रहते हैं, जिससे कई बार आलस आ जाता है. जो काफी नॉर्मल है. लेकिन अगर ये आलस धीरे-धीरे बढ़ता जाए, तो यह परेशानी का कारण बन सकता है. इसकी वजह से बच्चा अपना होमवर्क और कई काम समय पर नहीं करता है. ऐसे में उनकी इस आदत को समय रहते बदलना बहुत जरूरी हो जाता है. आलस बच्चों के मेंटल, फिजिकल और सोशल ग्रोथ में बाधा डाल सकता है. इसके कारण पढ़ाई में मन न लगना, खेलकूद में रुचि न होना और दोस्तों के साथ बात न करना जैसे व्यवहार दिखाई दे सकता है.
किसी काम को करने का मोटिवेशन या फिर कुछ क्लियर न होने के कारण बच्चे में आलय आ सकता है. इसके अलावा, मोबाइल, टीवी, वीडियो गेम्स, और सोशल मीडिया जैसी चीजें भी बच्चों को आलसी बनाने में बड़ी योगदान रहता है. इसके ज्यादा उपयोग से समय और एनर्जी दोनों खराब होती है. इसलिए पेरेंट्स की बच्चे की इस आदत को बदलने के लिए कुछ आसान टिप्स अपना सकते हैं.
समय को मैनेज करना सिखाएं
बच्चों को समय की अहमियत समझाएं. इसके लिए उनके पढ़ाई, खेलकूद, आराम और दूसरी एक्टिविटी के लिए समय निर्धारित करें. इससे उन्हें हर काम को समय पर करना भी आएगा. इससे आगे चलकर उन्हें जिम्मेदारी, अनुशासन और टाइम को मैनेज करने में आसानी होगी. साथ ही जब उनको पता होगी कि कब कौन सा काम करना है, तो इससे आलस भी नहीं आएगा.
दूसरी एक्टिविटी क्लासेस
अगर पढ़ाई के बाद जो समय बचता है तो उन्हें खेल कूद और दूसरी चीजों के लिए प्रेरित करें. उन्हें स्पोर्ट्स एक्टविटी, म्यूजिक, डांस या फिर आर्ट क्लास में डालें. उससे बच्चे की सोशल ग्रोथ में भी मदद मिलेगी. इसके साथ ही इस तरह की एक्टिविटी से बच्चे को क्रिएटिव लेवल बढ़ता है और वह एक्टिव बनता है.

बच्चों के आलस इस तरह करें दूर ( Credit : Getty Images )
अपने बच्चे के इंटरेस्ट को पहचानें
अगर अपने बच्चे का आलस को कम करना चाहते हैं, तो सबसे पहले ये जानें कि आपके बच्चे का इंटरेस्ट किस चीज में हैं. इसके बाद उन्हें उस काम को करने के लिए प्रेरित करें जैसे कि अगर आपके बच्चे को डांस पसंद है, तो आप उन्हें डांस क्लासेस में डाल सकते हैं. आप उन्हें समझाएं की पढ़ाई और दूसरी एक्टिविटी दोनों को किस तरह बैलेंस करना चाहिए.
बच्चों को मोटिवेट करें
पढ़ाई और खेल कुद दोनों के लिए अपने बच्चे को प्रेरित करें. अगर पेपर में उनके नंबर कम आएं है, तो उन्हे आसानी से समझाएं और मोटिवेट करें. ताकि वह आगे बिना ज्यादा स्ट्रेस लिए पढ़ाई कर अच्छा परफॉर्मेंस दे सकें. जब बच्चा कोई अच्छा काम करे या समय पर अपनी जिम्मेदारियां पूरी करे, तो उसकी प्रशंसा करें. इससे उनका कॉन्फिडेंस बढ़ता है.
बच्चे के साथ समय बिताएं
कई बार पेरेंट्स अपने बिजी शेड्यूल के कारण समय नहीं निकाल पाते हैं. लेकिन ऐसा करना बिल्कुल भी सही नहीं है. आपको दिन में कुछ समय को बच्चों के लिए जरूर निकालना चाहिए और उन्होंने दिनभर क्या किया और उनकी रुचि जानने की कोशिश करनी चाहिए. घर पर बैठे-बैठे बच्चे बोर हो जाते हैं, ऐसे में बच्चों को घूमने जरूर लेकर जाएं.
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