पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने भारत के साथ मई में हुए सैन्य संघर्ष में रुहानी मदद मिलने का दावा किया। उन्होंने कहा कि हमने इसे महसूस किया, जिसकी वजह से हालात पूरी तरह बिगड़ने से बच गए। मुनीर ने यह बयान 10 दिसंबर को इस्लामाबाद में हुए नेशनल उलेमा कॉन्फ्रेंस में दिया। उनके भाषण के वीडियो क्लिप रविवार को लोकल टीवी चैनलों पर दिखाए गए। भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच चार दिन तक भारी गोलीबारी और सैन्य टकराव हुआ, जो 10 मई को समझौते के बाद रुका। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह कर दिए थे। मुनीर बोले- इस्लामी देशों में पाकिस्तान का खास दर्जा अपने भाषण में मुनीर ने धार्मिक बातों पर जोर देते हुए पाकिस्तान की तुलना 1400 साल पहले पैगंबर मोहम्मद द्वारा स्थापित इस्लामी राज्य से की। उन्होंने कुरान की आयतें पढ़ीं और कहा कि इस्लामी दुनिया में पाकिस्तान को खास दर्जा मिला है। मुनीर ने कहा कि दुनिया में 57 इस्लामी देश हैं, लेकिन अल्लाह ने पाकिस्तान को हरमैन शरीफैन यानी मक्का और मदीना की हिफाजत का सम्मान दिया है। कहा- अफगानिस्तान TTP और पाकिस्तान में से एक को चुने मुनीर ने पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा हालात पर भी बात की और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से कहा कि वह पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) में से किसी एक को चुने। मुनीर का आरोप है कि पाकिस्तान में घुसपैठ करने वाले TTP के आतंकियों में करीब 70% अफगान हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या पाक नागरिकों के खून के लिए अफगानिस्तान जिम्मेदार नहीं है। मुनीर ने यह भी कहा कि किसी इस्लामी देश में जिहाद का ऐलान करने का अधिकार सिर्फ राज्य को होता है। बिना सरकार की इजाजत कोई फतवा जारी नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान की ज्यादातर आंतरिक समस्याओं के लिए अफगानिस्तान से आए हुए लोग जिम्मेदार हैं।
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