उरई स्थित जिला पुरुष अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में सोमवार को इलाज के दौरान एक किसान की मौत हो गई। जैसे ही डॉक्टरों ने मरीज को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया, उसकी तबीयत बिगड़ गई और कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया। अचानक हुई इस मौत से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। मृतक की पहचान रामपुरा थाना क्षेत्र के जायघा गांव निवासी राजकुमार (40) के रूप में हुई है। परिजनों के मुताबिक, 24 अक्तूबर की रात गांव के ही जितेंद्र सिंह ने घर में घुसकर राजकुमार पर लाठी से हमला कर दिया था। हमले में उनके सिर, आंख और हाथ में गंभीर चोटें आई थीं और एक हाथ टूट गया था। इस घटना की तहरीर पीड़ित पक्ष ने रामपुरा थाने में दी थी। गंभीर हालत में राजकुमार को जिला अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने हाथ का ऑपरेशन कराने की सलाह दी। सोमवार दोपहर उन्हें ओटी में भर्ती किया गया। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन से पहले बेहोशी का इंजेक्शन लगाते ही राजकुमार की हालत बिगड़ने लगी और कुछ ही मिनटों में उनकी मौत हो गई। परिजनों ने यह भी कहा कि घटना के बाद अस्पताल स्टाफ ने शव को ओटी से बाहर निकाल दरवाजा बंद कर दिया। सीएमएस डॉ. आनंद उपाध्याय ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि ऑपरेशन थिएटर में मरीज की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की गई है। इस टीम में एसीएमओ डॉ. डी.के. भिटौरिया, नेत्र सर्जन डॉ. जगजीवन राम, डॉ. ए.के. पांडेय, जनरल सर्जन डॉ. के.पी. सिंह और एनेस्थेटिक्स डॉ. सचिन राजपूत शामिल हैं। सीएमएस ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा। वहीं, मृतक के परिजनों ने निष्पक्ष जांच और जिम्मेदार डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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