पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाली की मांग को लेकर देशभर में जारी आंदोलन के बीच मंगलवार को भोजपुर में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने केंद्र एवं राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। यह विरोध 25 नवंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए शांतिपूर्ण OPS धरना-प्रदर्शन के बाद चार कर्मचारी नेताओं (बिजेंद्र धारीवाल, रूपेश कुमार, सुखजीत सिंह और सर्वजीत सिंह) पर दर्ज कथित ‘फर्जी FIR’ के खिलाफ किया गया। इसी के विरोध में भोजपुर जिले में संगठनों ने FIR की प्रति जलाकर विरोध दर्ज कराया। इस विरोध कार्यक्रम का आयोजन बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोप गुट भोजपुर, NMOPS भोजपुर तथा विभिन्न ट्रेड यूनियनों के संयुक्त बैनर तले किया गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जंतर-मंतर पर देश भर के कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से OPS लागू करने की मांग रखी थी, लेकिन इसके बाद नेताओं पर FIR दर्ज करना सरकार की दमनकारी नीति को दर्शाता है। उन्होंने साफ कहा कि कर्मचारी आंदोलन को दबाने का प्रयास किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने ‘ओपीएस लागू करो’, ‘एनपीएस वापस करो’ जैसे नारे लगाए प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने NPS वापस करो, OPS लागू करो ,कर्मचारियों पर सरकारी दमन बंद करो,निजीकरण बंद करो–स्थायी बहाली करो जैसे नारे लगाए। कार्यक्रम का नेतृत्व उमेश कुमार सुमन, दिलराज प्रीतम, बाल मुकुंद, रामानंद, अवधेश पासवान, धर्म कुमार, बलिराम, दामोदर, सुरेश रणवीर, विनोद राम, अवधेश अंसारी, मिथिलेश, गोपाल जी, रामेश्वर सिंह, सरवन कुमार समेत अनेक नेताओं ने किया। सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि OPS देश भर के कर्मचारियों का मूल अधिकार है और इसे लागू करवाने तक संघर्ष जारी रहेगा। मौके पर माले के नेता दिलराज प्रीतम ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की जायज़ मांगों को अनदेखा कर दमनकारी कदम उठा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि OPS बहाल नहीं हुआ और दर्ज FIR वापस नहीं ली गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। कर्मचारी नेताओं ने घोषणा की कि OPS बहाली, संविदा व मानदेय कर्मियों की स्थायी नियुक्ति तथा निजीकरण पर रोक लगाने जैसी मांगों को लेकर आगामी दिनों में जिला और राज्य स्तर पर व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
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