यूपी में दिवाली के बाद फिर से हवा जहरीली हुई है। पूरे एनसीआर में यही स्थिति है। जहां यूपी के नोएडा, गाजियाबाद और बागपत का AQI रेड जोन में पहुंच गया है। इसका असर अब हवा में दिख रहा है। प्रदेश में 3 शहरों की हवा ‘रेड जोन’ में पहुंच गई है, यानी अब हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, बहादुरगढ़ की हवा देश में सबसे अधिक जहरीली हुई है। दूसरे नंबर पर डारुहेड़ा और फिर नोएडा का नंबर है। चौथे नंबर पर मानेसर और फिर बागपत व दिल्ली की सेम स्थिति है। गाजियाबाद का वसुंधरा इलाका सबसे अधिक प्रदूषित है। देश के 7 सबसे अधिक प्रदूषित शहर यूपी के 10 जिलों का AQI अभी और बिगड़ सकती है स्थिति केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) का पूर्वानुमान है कि 2 दिनों में और भी खराब श्रेणी में पहुंच सकती है। ऐसे में सांस संबंधी रोगियों के लिए यह और अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और अस्वस्थता जैसी समस्या हो सकती है। गाजियाबाद के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शरद जोशी ने बचाव के लिए सभी को बाहरी गतिविधियों के दौरान N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह दी है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। वहीं, प्रशासन ने भी प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। ये हैं शहरों में पॉल्यूशन के बड़े कारण प्रदूषण की वजह पराली जलाना, इसे रोकने के लिए कानून भी बना उत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस वजह से प्रदूषण बढ़ने की रफ्तार भी तेज होने लगती है। हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है। 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इससे किसानों को पराली का सफाया करने में परेशानी होने लगी। केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) अधिनियम 2021 के तहत पराली जलाने पर नियम लागू किए। इसके मुताबिक 2 एकड़ से कम जमीन पर पराली जलाने पर 5,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान है। 2 से 5 एकड़ जमीन पर 10,000 रुपए और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर पराली जलाने पर 30,000 रुपए का जुर्माना लगता है।
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