Navratri Puja rules: कन्या पूजन में ये चीज़ें खिलाना है ‘अशुभ’, वरना अधूरी रह जाएगी पूजा और नहीं मिलेगा व्रत का फल!

Navratri Puja rules: कन्या पूजन में ये चीज़ें खिलाना है ‘अशुभ’, वरना अधूरी रह जाएगी पूजा और नहीं मिलेगा व्रत का फल!

Navratri 2025: नवरात्रि का महापर्व शक्ति की उपासना का सबसे बड़ा उत्सव है. नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के बाद, अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन (या कन्या भोज) का विशेष विधान है. इस दिन छोटी कन्याओं को देवी मां का स्वरूप मानकर उनका आदर-सत्कार किया जाता है, उन्हें भोजन कराया जाता है और उपहार दिए जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि कन्या पूजन के बिना नवरात्रि के व्रत का फल अधूरा रहता है.

हालांकि, इस पवित्र पूजा में कन्याओं को क्या खिलाया जाए, इसके कुछ विशेष नियम हैं. जाने-अनजाने में की गई छोटी-सी गलती भी आपकी पूरी पूजा को निष्फल कर सकती है और व्रत का फल मिलने में बाधा आ सकती है. आइए जानते हैं कि कन्या पूजन के भोग में किन चीज़ों को शामिल करना अशुभ माना जाता है और उन्हें खिलाने से क्यों बचना चाहिए.

कन्या पूजन में भूलकर भी न खिलाएं ये चीज़ें!

तामसिक भोजन (प्याज और लहसुन वाला भोजन)

क्यों अशुभ: नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन ग्रहण करने और बनाने का नियम होता है, ताकि मन और शरीर शुद्ध रह सके. प्याज और लहसुन को तामसिक श्रेणी का माना जाता है, जो आलस्य, क्रोध और राजसिक गुणों को बढ़ाता है. कन्याओं को ये खिलाने से पूजा की सात्विकता भंग होती है.

क्या करें: काले चने और सब्जी बनाते समय विशेष रूप से ध्यान रखें कि उसमें प्याज और लहसुन का प्रयोग बिल्कुल न किया गया हो.

बासी या पुराना भोजन

क्यों अशुभ: धार्मिक अनुष्ठानों और विशेष रूप से देवी पूजन में केवल ताज़े और उसी दिन बने व्यंजनों का ही महत्व होता है. बासी भोजन को अशुद्ध और ऊर्जाहीन माना जाता है. कन्याओं को बासी खाना खिलाना माता रानी के निरादर के समान माना जाता है, जिससे पूजा का फल नहीं मिलता.

क्या करें: कन्याओं के लिए भोग में इस्तेमाल होने वाली हर सामग्री ताज़ी होनी चाहिए, और भोजन पूजन के दिन ही तैयार किया जाना चाहिए.

बाज़ार में डिब्बाबंद या पैक्ड फ़ूड या जंक फूड

क्यों अशुभ: आजकल बच्चे अक्सर बाज़ार के चिप्स या अन्य डिब्बाबंद चीज़ों को पसंद करते हैं, लेकिन कन्या पूजन में इन्हें खिलाना वर्जित माना जाता है. इन पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में अक्सर अशुद्ध तेल, प्रिजर्वेटिव और कभी-कभी प्याज-लहसुन का पाउडर भी मिला होता है, जो इन्हें तामसिक बना देता है.

क्या करें: कन्याओं को घर पर बनी शुद्ध, सात्विक मिठाई, ताज़े फल या शुद्ध घी में बने पारंपरिक व्यंजन जैसे हलवा-पूरी ही खिलाएं.

अधिक मसालेदार या तैलीय भोजन

क्यों अशुभ: कन्या पूजन का उद्देश्य कन्याओं को प्रेम और सात्विकता से भोजन कराना है. अत्यधिक मसालेदार या बहुत ज़्यादा तेल में तले हुए भोजन से बच्चों को परेशानी हो सकती है, जिससे वे भोजन का ठीक से आनंद नहीं ले पाते. शास्त्रों में कहा गया है कि भोजन कराते समय कन्याओं के चेहरे पर प्रसन्नता होनी चाहिए.

क्या करें: भोजन हल्का, और कम मसालों वाला होना चाहिए, जो बच्चों को आसानी से पसंद आए.

कन्या पूजन के लिए शुभ और पारंपरिक भोग

सूजी का हलवा: शुद्ध देसी घी में बना सूजी का हलवा कन्याओं को खिलाना अत्यंत शुभ है.

काले चने: बिना प्याज-लहसुन के बने सूखे काले चने का प्रसाद ज़रूरी माना जाता है.

कन्या पूजन को सफल बनाने के लिए इन बातों का भी रखें ध्यान

साफ-सफाई: कन्याओं को भोजन कराने से पहले जगह पूरी तरह से साफ-सुथरी होनी चाहिए.

चरण वंदन: कन्याओं के पैर धोकर उन्हें आदरपूर्वक आसन पर बिठाना चाहिए.

उपहार में वर्जित वस्तुएं: कन्याओं को नुकीली/धारदार वस्तुएं (चाकू, ब्लेड), लोहे की चीज़ें, काले रंग के वस्त्र, प्लास्टिक की वस्तुएं या पुरानी/इस्तेमाल की गई चीज़ें उपहार में नहीं देनी चाहिए.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता

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