मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को गुर्दे की गम्भीर बीमारियों से बचाने के लिये एक व्यापक रणनीति बनाने की सलाह देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि संतुलित और संयमित जीवन से इन रोगों से मुकाबला किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने राजधानी स्थित संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में ‘इंडियन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी’ के 54वें वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुर्दे की गम्भीर बीमारियों का मुकाबला संतुलित और संयमित जीवन जीकर किया जा सकता है।
उन्होंने चिंता जताते हुए सलाह दी कि छोटे बच्चे भी गुर्दे की गम्भीर बीमारियों की चपेट में हैं, जिनको बचाने के लिए व्यापक रणनीति बनायी जानी चाहिये।
आदित्यनाथ ने कहा कि एसजीपीजीआई अपनी स्थापना के समय से ही मानवता की सेवा कर रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों के शासन में प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र उपेक्षित था। अस्पतालों को धन की कमी से जूझना पड़ता था। अस्पताल गंदगी और अव्यवस्था का पर्याय बन गए थे।
वर्ष 2017 में भाजपा नीत सरकार बनने के बाद एसजीपीजीआई समेत प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल को धन की कमी नहीं होने दी गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 1947 से लेकर 2017 तक केवल 17 मेडिकल कॉलेज थे लेकिन अब प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज 25 करोड़ नागरिकों की सेवा कर रहे हैं।
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