Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर झगड़ा और रोना क्यों माना जाता है अशुभ? सुहागन महिलाएं जान लें ये बात
Karwa Chauth Vrat 2025: करवा चौथ केवल आस्था व परंपरा का पर्व नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के संबंधों में विश्वास का प्रतीक भी माना जाता है. आज देश भर में करवा चौथ का त्योहार मनाया जा रहा है. विवाहित महिलाएं सूर्योदय से पहले सास द्वारा दी गई सरगी ग्रहण कर व्रत की शुरुआत कर चुकी हैं. मान्यता है कि इस दिन महिला का व्रत और उसकी निष्ठा उसके पति की आयु बढ़ाती है. करवा चौथ भारतीय संस्कृति में वैवाहिक जीवन का सबसे पावन पर्व है.
करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु व सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि करवा चौथ के दिन कुछ चीजें नहीं करनी चाहिए. इससे व्रत का फल प्रभावित होता है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए. किसी बड़े का अपमान या पति से झगड़ा नहीं करना चाहिए. इस दिन व्रती महिलाओं को रोना भी नहीं चाहिए. करवा चौथ पर पति से या किसी भी अन्य से झगड़ा करना और रोना अशुभ माना जाता है. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों हैं?
करवा चौथ पर झगड़ा करना या रोना इसलिए है अशुभ
करवा चौथ का त्योहार पति-पत्नी के बीच प्रेम और सुहाग का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इस दिन झगड़ा करना या रोना अशुभ माना गया है. इससे व्रत की पवित्रता और शुभता भंग हो जाती है. इस दिन झगड़ा करना या रोना इस व्रत के उद्देश्य को बाधित करता है, क्योंकि रोने और झगड़ा करने से नकारात्मक भावनाएं मन में आती हैं. फिर व्रत फलित नहीं होता. इस दिन महिलाओं को अपने पति का आदर करना चाहिए.
करवा चौथ पर ये काम भी माने गए हैं अशुभ
महिलाओं को अपने पति से लड़ाई-झगड़ा बिल्कुल नहीं करना चाहिए. इतना ही नहीं महिलाओं को पति के अलावा भी सबका आदर करना चाहिए. किसी को भी कोई अपशब्द नहीं कहने चाहिए. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को सोना नहीं चाहिए. दूसरों को भी नींद से नहीं जगाना चाहिए. इस दिन महिलाओं को नुकीली चीजों का उपोग नहीं करना चाहिए. इस दिन सिलाई, कढ़ाई, बटन टांकना या सुई-धागे का काम करना भी अशुभ होता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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