Indian Railways: इस रूट पर 160 की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें, 400 किलोमीटर का रूट तैयार
रेलवे जल्द ही कुछ बदलाव करने जा रहा है. इसके मुताबिक, वंदे भारत शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस श्रेणी की ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार होगी. इन ट्रेनों को दिसंबर या जनवरी से नए स्टॉपेज मिल सकते हैं. पहले चरण में वंदे भारत, शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस श्रेणी की गाड़ियों को तेज रफ्तार में चलाया जाएगा.
फिर इस साल के अंत तक आगरा से झांसी के बीच करीब 24 ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की तैयारी की जा रही है. इसमें वंदे भारत, शताब्दी और राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों को शामिल किया गया है.
अभी तक ये ट्रेनें केवल दिल्ली से आगरा के बीच ही 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से दौड़ती हैं, जबकि आगरा से झांसी के बीच इनकी रफ्तार अधिकतम 130 किमी प्रति घंटे तक सीमित है. दिल्ली से झांसी की दूरी 403 किलोमीटर है. वहीं, भोपाल एक्सप्रेस को मथुरा में स्टॉपेज देने की प्रक्रिया को इस दौरान पूरा किए जाने की उम्मीद है. भोपाल रेल मंडल के सीनियर डिविजनल कमर्शियल मैनेजर सौरभ कटारिया ने बताया- जैसे-जैसे ट्रेनों की स्पीड बढ़ती है, रेलवे को मौका मिलता है.
अब 18 मिनट देरी से पहुंचती है वंदे भारत ट्रेन
वर्तमान में 150 वंदे भारत देशभर में फर्राटा भर रही हैं. एक ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है. 2020-21 में वंदे भारत ट्रेन की औसत गति 84.48 किमी प्रति घंटा थी, जोकि 2023-24 में गिरकर 76.25 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है. अध्ययन के मुताबिक, 2024 में राष्ट्रीय समय पालन करने के मामले में वंदे भारत में आठ फीसदी का सुधार हुआ. 2023 में यह ट्रेन औसतन 20 मिनट की देरी से गंतव्य पहुंचती थी, जोकि 2024 में घटकर 18 मिनट रह गई.
शताब्दी 10 तो राजधानी एक्सप्रेस 15 मिनट लेट
सबसे कम विलंब आंकड़ों के अनुसार, 50 फीसदी से अधिक वंदे भारत तय समय से अधिकतम आठ मिनट विलंब से किसी भी बीच के स्टेशन पर पहुंचती है. इसे मीडियन विलंब कहते हैं. यही वजह है कि यात्रियों को इस ट्रेन की गति पर गर्व है. रेलवे की दूसरी प्रीमियम ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस की यह देरी 10 मिनट है, जोकि मात्र दो मिनट अधिक है. वहीं, लंबी दूरी की प्रतिष्ठित राजधानी एक्सप्रेस का यह विलंब 15 मिनट दर्ज किया गया है.
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