इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में मरीजों को बेड दिलाने और निजी अस्पतालों में भेजने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। मामले में मंगलवार को पुलिस ने एक दलाल को गिरफ्तार किया गया है, जिसकी पहचान 50 वर्षीय मनोज कुमार शाही के तौर पर हुई है। पुलिस ने इस दलाल को संस्थान के इमरजेंसी वार्ड से पकड़ा गया। मरीजों को झांसा देकर निजी अस्पताल भेजता था आरोपी आरोपी मनोज कुमार शाही IGIMS में भर्ती होने आए मरीजों के परिजनों को बहला-फुसलाकर पटना के निजी अस्पतालों में भेजता था। वह इमरजेंसी वार्ड में बेड दिलाने के नाम पर भी मरीजों के परिजनों से पैसे वसूलता था। पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आया है कि आरोपी बोरिंग रोड, दीघा आशियाना, बेली रोड, राजाबाजार और पाटलिपुत्र स्थित निजी अस्पतालों में मरीजों को भेजता था। पूछताछ में उसने बताया कि IGIMS का एक सुरक्षाकर्मी भी इसमें शामिल है। दोनों मिलीभगत से मरीजों को बेड दिलाने, जांच कराने और निजी अस्पतालों में भेजने का काम करते थे। आरोपी विकलांग, रंगेहाथों पकड़ा गया- मेडिकल सुपरिटेंडेंट IGIMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि आरोपी मनोज विकलांग है, जिस कारण शुरुआत में उस पर संदेह नहीं हुआ। सीसीटीवी फुटेज और मरीजों के परिजनों की शिकायत के बाद उसे गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी से ठीक पहले मनोज इमरजेंसी वार्ड के बेड नंबर एबी 5 पर भर्ती चंदा चौबे के परिजन शशि भूषण चौबे से पैसे का लेनदेन कर रहा था, तभी उसे रंगेहाथों पकड़ा गया। एक गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी मनोज कुमार शाही मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर का निवासी है। संस्थान प्रशासन ने शास्त्रीनगर थाने की पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस अब उसके साथ शामिल अन्य दलालों की भी तलाश कर रही है, जिन्हें जल्द ही पकड़ा जाएगा।
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