EMRS Recruitment Guidelines: एकलव्य आवासीय स्कूलों में भर्ती के बदले नियम, अब भाषा नहीं बनेगी बाधा, जानें और क्या हुए बदलाव

EMRS Recruitment Guidelines: एकलव्य आवासीय स्कूलों में भर्ती के बदले नियम, अब भाषा नहीं बनेगी बाधा, जानें और क्या हुए बदलाव

EMRS Recruitment Guidelines: नेशनल एजुकेशन सोसायटी फॉर ट्राइबल स्टडी (NESTS) ने एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल्स (EMRS) में शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया के नियमों में बदलाव किया है.यह फैसला जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा की गई समीक्षा के बाद लिया गया है. इस बदलाव का मुख्य मकसद अलग-अलग राज्यों और भाषाई पृष्ठभूमि से आने वाले उम्मीदवारों को मौका देना है. विशेष तौर पर हिंदी भाषा की अनिवार्यता को लेकर उम्मीदवारों को राहत दी गई है.

आइए जानते हैं कि EMRS की भर्ती प्रक्रिया के नियमों में क्या बदलाव हुए हैं? नई गाइडलाइंस क्या हैं?

अब 3 भाषाओं के आधार पर होगा मूल्यांकन

EMRS में ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (TGT) पद के उम्मीदवारों की भाषा क्षमता अब अंग्रेजी, हिंदी और उम्मीदवार की चुनी हुई क्षेत्रीय भाषा में देखी जाएगी. इस हिस्से के कुल 30 अंक होंगे, जिसमें कम से कम 12 अंक हासिल करना जरूरी होगा. हालांकि यह सिर्फ क्वॉलिफाइंग होगा, यानी इसका मुख्य मेरिट पर असर नहीं पड़ेगा.

महिला स्टाफ नर्स को राहत, PGT पर सख्ती बरकरार

नई गाइडलाइंस के अनुसार, महिला स्टाफ नर्स पद पर भी हिंदी भाषा की अनिवार्यता में ढील दी गई है, लेकिन पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (PGT) पद के लिए हिंदी का ज्ञान जरूरी रहेगा. PGT आमतौर पर कक्षा 9 से 12 तक पढ़ाते हैं, इसलिए सरकार ने इस स्तर पर हिंदी क्षमता को बरकरार रखा है.

कैंडिडेट्स को दी गई राहत

हाल ही में आदिवासी कार्य मंत्रालय और राज्य स्तरीय विभागों के बीच हुई बैठक में आंध्र प्रदेश ने भाषा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी. वहीं बिहार और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने अभी तक NESTS के साथ समझौता नहीं किया है, जिसके चलते वहां भर्ती प्रक्रिया राज्य स्तर पर चल रही है.

7,267 पदों पर होनी है भर्ती

नए भर्ती प्रक्रिया के तहत NESTS ने 7,267 पोस्ट के लिए भर्ती होनी है. इनमें 3,962 पोस्ट TGT के लिए, 1,460 पोस्ट PGT के लिए, 225 प्रिंसिपल, 635 हॉस्टल वॉर्डन और 550 महिला स्टाफ नर्स शामिल हैं. वित्त मंत्रालय ने कुल 38,480 पोस्ट की मंजूरी दी है, जिनमें से पहले चरण में 2023 में 10,391 पोस्ट पर भर्ती की गई थी.

ईएमआरएस का सफर

ईएमआरएस की शुरुआत 1997-98 में हुई थी, जिसका मकसद आदिवासी इलाकों के बच्चों को 6वीं से 12वीं तक अच्छी शिक्षा और हॉस्टल सुविधा देना था. 2018-19 में इस योजना को केंद्रीय क्षेत्र की योजना बना दिया गया. अभी तक देशभर में 722 स्कूलों को मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें से 479 चालू हैं और 235 निर्माणाधीन हैं. इन स्कूलों में करीब 1.46 लाख छात्र पढ़ रहे हैं और लगभग 13,437 स्टाफ कार्यरत हैं.

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