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DM ने गिरिहिंडा पहाड़ पर की बैठक:शेखपुरा को पर्यटन मानचित्र पर लाने की डीएम की बड़ी पहल; ऐतिहासिक, धार्मिक स्थलों के विकास से लेकर उद्योग

शेखपुरा के ऐतिहासिक गिरिहिंडा पहाड़ को पर्यटन के क्षेत्र में बिहार के मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक अनोखी और दूरदर्शी पहल की है। इसी क्रम में सोमवार को जिलाधिकारी शेखर आनंद ने प्रशासन की साप्ताहिक बैठक गिरिहिंडा पहाड़ की चोटी पर आयोजित की। इस नवाचारपूर्ण बैठक के माध्यम से न केवल जिले की विकास योजनाओं की समीक्षा की गई, बल्कि पर्यटन, उद्योग, रोजगार और सुशासन को लेकर ठोस रणनीति पर भी विचार-विमर्श हुआ। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास का निर्णय बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि गिरिहिंडा पहाड़ केवल प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। उन्होंने कहा कि इस पहाड़ के साथ-साथ जिले के अन्य धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को प्रशासन और सरकार के सहयोग से विकसित किया जाएगा, ताकि शेखपुरा को एक नए पर्यटन गंतव्य के रूप में पहचान मिल सके। डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पर्यटन विकास की संभावनाओं को चिन्हित कर एक ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित हो सकें। नवाचार और नए विचारों पर दिया गया जोर गिरिहिंडा पहाड़ की चोटी पर आयोजित इस विशेष बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों को जिले के विकास के लिए नवाचार और नए-नए विचारों के साथ काम करने का टास्क दिया गया। डीएम शेखर आनंद ने कहा कि परंपरागत कार्यशैली के साथ-साथ नए विकास मानकों पर जिले को आगे ले जाने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि वे केवल योजनाओं के क्रियान्वयन तक सीमित न रहें, बल्कि स्थानीय जरूरतों के अनुसार नए सुझाव और समाधान लेकर आएं। मीडिया से फीडबैक, उद्योग स्थापना पर फोकस बैठक के बाद देर शाम पत्रकारों से बातचीत में डीएम ने बताया कि जिले में नए उद्योग-धंधों की स्थापना को लेकर मीडिया और समाज से फीडबैक लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास से जुड़े हर सकारात्मक सुझाव को सरकार के समक्ष रखा जाएगा और उसे धरातल पर उतारने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। डीएम ने इस पूरी पहल को जिले के लिए “मील का पत्थर” बताते हुए कहा कि इस तरह की बैठकों से प्रशासनिक सोच को नई दिशा मिलती है। सुशासन सप्ताह और ‘प्रशासन आपके द्वार’ कार्यक्रम जिलाधिकारी ने बताया कि सुशासन सप्ताह के तहत जिले के सभी पंचायतों में “प्रशासन आपके द्वार” कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं और कई मामलों में मौके पर ही समाधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में नल-जल योजना से जुड़ी समस्याएं सबसे अधिक सामने आ रही हैं। जिला प्रशासन ने इन समस्याओं के समाधान के लिए विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है, ताकि लोगों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा सुनिश्चित की जा सके। महिला रोजगार योजना पर प्रशासन सतर्क डीएम शेखर आनंद ने सरकार की महिला रोजगार योजना की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हाल ही में महिलाओं को सरकार द्वारा 10 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है, जिससे वे स्वरोजगार शुरू कर सकें। जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि इस राशि का सही उपयोग हो और महिलाएं वास्तव में अपने रोजगार को आगे बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि महिलाओं को तकनीकी, प्रशासनिक और मार्गदर्शन संबंधी हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इस मामले में प्रशासन पूरी तरह सतर्क और संवेदनशील है। अधिकारियों की मौजूदगी इस महत्वपूर्ण बैठक और मीडिया संवाद के दौरान जिलाधिकारी के साथ उप विकास आयुक्त संजय कुमार और अपर समाहर्ता लखींद्र पासवान भी मौजूद थे। कुल मिलाकर, गिरिहिंडा पहाड़ की चोटी पर आयोजित यह प्रशासनिक बैठक शेखपुरा जिले के लिए विकास, पर्यटन और सुशासन की नई इबारत लिखने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।


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