जिलाधिकारी तरनजोत सिंह ने शनिवार को पश्चिम चंपारण के लौरिया प्रखंड और अंचल कार्यालयों का अचानक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्था और जनसेवाओं की जमीनी हकीकत परखी। अचानक हुए इस निरीक्षण से कार्यालयों में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी ने आरटीपीएस काउंटर, अभिलेखों के संधारण, लंबित मामलों की स्थिति और आम लोगों को दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी आरटीपीएस आवेदन निर्धारित समय-सीमा के भीतर निष्पादित किए जाएं। किसी भी प्रकार की अनावश्यक देरी या लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। कर्मचारियों की उपस्थिति का भी जायजा लिया डीएम तरनजोत सिंह ने कार्यालय परिसर की साफ-सफाई, फाइलों के व्यवस्थित रख-रखाव और कर्मचारियों की उपस्थिति का भी जायजा लिया। उन्होंने रिकॉर्ड संधारण में सुधार लाने, फाइलों को अद्यतन रखने और आम जनता को सही जानकारी उपलब्ध कराने के लिए स्पष्ट सूचना व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कुछ कमियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने तत्काल सुधार के आदेश दिए। निरीक्षण के दौरान मौके पर मौजूद रहे अधिकारी निरीक्षण के दौरान लौरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी संजीव कुमार, अंचल अधिकारी नितेश कुमार सेठ और लौरिया नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी दिनेश पूरी मौजूद थे। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को आपसी समन्वय और टीमवर्क के साथ कार्य करने को कहा, ताकि जनहित से जुड़े मामलों का त्वरित समाधान हो सके। जनता की समस्याएं सुनने और उनका समाधान करने का निर्देश दिया जिलाधिकारी ने अधिकारियों और कर्मचारियों को संवेदनशीलता के साथ जनता की समस्याएं सुनने और उनका समाधान करने का निर्देश दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार की योजनाओं और सेवाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। डीएम ने स्पष्ट संदेश दिया कि कार्य में शिथिलता या लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और प्रशासनिक जवाबदेही सर्वोपरि है।
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