शेखपुरा के जिलाधिकारी (डीएम) शेखर आनंद ने पदभार संभालने के बाद पहली बार शुक्रवार को समाहरणालय परिसर स्थित मंथन सभागार में “जनता के दरबार” का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने लोगों की शिकायतें सुनीं और कई मामलों का मौके पर ही निपटारा किया। कड़ाके की ठंड के बावजूद इस जनता दरबार में पिछले दरबार की तुलना में दोगुनी भीड़ उमड़ी। कुल 33 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से अधिकांश मामले भूमि विवाद से संबंधित थे। प्राप्त आवेदनों में कई तरह के मामले थे शामिल प्राप्त आवेदनों में जमीन संबंधी विवाद, वेतन भुगतान न होना, भाई-भाई के बीच बंटवारा, बिजली के पोल हटाने, जमीन की मापी, प्राथमिकी दर्ज कराना, भूमि अतिक्रमण हटवाना, लोन संबंधी मामले, प्रधानमंत्री आवास योजना की दूसरी किस्त, बरबीघा थाना से न्यायालय हेतु प्रतिवेदन की मांग, नगर परिषद के तहत घर टूटने से बचाना, पैतृक भूमि का बंटवारा, जमीन पर अवैध कब्जा, केमरा गांव में दुर्गा मंदिर के पास पेपर ब्लॉक कार्य का भुगतान, नलकूप ऑपरेटर का मानदेय, दाखिल-खारिज, चालक का मानदेय, बंटवारे की जमीन पर खेती, आशा बहाली में धांधली और वृद्धा पेंशन के लाभ से जुड़े मामले शामिल थे। पहले के जनता दरबारों से कुल 879 आवेदन प्राप्त हुए थे डीएम ने जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ मिलकर पूर्व में प्राप्त आवेदनों की भी गहन समीक्षा की। उन्होंने बताया कि पहले के जनता दरबारों से कुल 879 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 838 का निष्पादन किया जा चुका है। आवेदनों की सही तरीके से जांच कर समय पर उचित कार्रवाई करें शेष 41 लंबित आवेदनों के संबंध में डीएम ने संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आवेदनों की सही तरीके से जांच कर समय पर उचित कार्रवाई करें। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया, ताकि फरियादियों को अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सके। इस अवसर पर अपर समाहर्ता लखींद्र पासवान, उप विकास आयुक्त संजय कुमार, अपर समाहर्ता (जांच), अनुमंडल पदाधिकारी रोहित कर्दम और जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
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