मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को कहा कि दिल्ली महज एक शहर नहीं है, बल्कि यह एक “जीवंत सभ्यता” है, जो महाभारत के इंद्रप्रस्थ से लेकर आधुनिक लोकतांत्रिक स्थान तक निरंतर सांस्कृतिक विकास से आकार ले रही है।
गुप्ता ने राष्ट्रीय राजधानी में लाल किला परिसर में आयोजित यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतर-सरकारी समिति के 20वें सत्र में यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत वेदों, उपनिषदों और योग से लेकर त्योहारों, अनुष्ठानों और प्रदर्शन कलाओं तक फैली हुई है, जो “संग्रहालयों में नहीं, बल्कि यहां के लोगों के रोजमर्रा के जीवन में पनपती है।”
गुप्ता ने कहा कि तीव्र आधुनिकीकरण, जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और डिजिटल परिवर्तन के कारण अमूर्त विरासत का संरक्षण पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक मंचों पर पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों और सांस्कृतिक प्रथाओं को बढ़ावा देने पर भारत का हालिया जोर, देश की सांस्कृतिक जड़ों और सभ्यतागत पहचान को मजबूत करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
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