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BJP का मिशन साउथ! 20 दिसंबर को नितिन नबीन का तमिलनाडु दौरा, 23 को जाएंगे पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री और तमिलनाडु राज्य चुनाव प्रभारी पीयूष गोयल अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले 23 दिसंबर को चेन्नई का दौरा करेंगे। यह जानकारी भाजपा नेता आरएन जयप्रकाश ने गुरुवार को दी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए तमिलनाडु भाजपा उपाध्यक्ष आरएन जयप्रकाश ने यह भी बताया कि नव निर्वाचित भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष 20 दिसंबर को चेन्नई आएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन चेन्नई हवाई अड्डे पर आएंगे, जहां हम उनका भव्य स्वागत करेंगे। इसके बाद उनकी पुडुचेरी जाने की योजना है। केंद्रीय मंत्री और तमिलनाडु राज्य चुनाव प्रभारी पीयूष गोयल 23 दिसंबर को चेन्नई आएंगे।
 

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मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने दावा किया कि डीएमके सरकार ने 2021 के चुनावों के दौरान किए गए अपने वादों को अभी तक पूरा नहीं किया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री ने महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की थीं। फिर भी, हमें समझ नहीं आता कि उन्होंने स्वर्ण मंगलसूत्र योजना और एलपीजी सब्सिडी जैसे चुनावी वादे क्यों नहीं पूरे किए। मदुरै कार्तिकई दीपम को लेकर चल रहे विवाद के बीच भाजपा के शीर्ष नेता पीयूष गोयल और नितिन नबीन राज्य का दौरा करेंगे। इस विवाद में भाजपा ने तिरुप्परनकुंड्रम पहाड़ी पर स्थित पत्थर के स्तंभ पर दीपथून के ऊपर दीपक जलाने के अदालत के निर्देश का समर्थन किया है, जबकि डीएमके सरकार इसका विरोध कर रही है।
इससे पहले मंगलवार को भाजपा नेता के. अन्नामलाई ने तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (एचआर एंड सीई) को भंग करने की मांग की, जो दीपथून के ऊपर दीपक जलाने के निर्देश का विरोध कर रहा है। पुडुचेरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अन्नामलाई ने कहा कि सरकारी विभाग ने इस निर्देश का विरोध किया है, जबकि मुस्लिम समुदाय ने मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले पर कोई सवाल नहीं उठाया है।
 

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भाजपा नेता ने कहा कि तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग को समाप्त करने का समय आ गया है। उन्होंने आगे कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि 1 दिसंबर के फैसले के बाद किसी भी मुस्लिम या स्थानीय व्यक्ति ने इस पर सवाल नहीं उठाया। लेकिन मंदिर सचिव ने अपील की। ​​इसीलिए हम पूछते हैं कि तमिलनाडु में हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग क्यों है?


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