Bareilly violence: IMC नेता डॉ. नफीस गिरफ्तार, SSP बोले- इसी ने नमाज का वक्त बदल जुटाई थी भीड़, बड़ी साजिश का हिस्सा
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शुक्रवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल (IMC) के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता डॉ. नफीस को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही उनके बेटे फरहान रजा खान को भी कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया. अब तक इस मामले में 81 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस का दावा है कि यह हिंसा अचानक नहीं हुई, बल्कि पूरी प्लानिंग के तहत अंजाम दी गई.
नमाज का वक्त बदलकर भीड़ इकट्ठा करने का आरोप
एसएसपी अनुराग आर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि हिंसा वाले दिन मस्जिदों में नमाज का वक्त जानबूझकर बदला गया था. आमतौर पर शुक्रवार की नमाज शहर की अलग-अलग मस्जिदों में दोपहर 12:30 से 3:30 बजे तक होती है, लेकिन उस दिन योजनाबद्ध तरीके से एक बजे नमाज अदा करवाई गई. इसके बाद बड़ी संख्या में लोग नौमहला मस्जिद से निकलकर इस्लामिया ग्राउंड की ओर बढ़ने लगे. पुलिस का कहना है कि यही भीड़ आगे चलकर उपद्रव और हिंसा में शामिल हुई.
वॉट्सऐप ग्रुप और CCTV फुटेज से मिले सुराग
जांच के दौरान पुलिस को CCTV कैमरों और कंट्रोल रूम से मिले वीडियो फुटेज में अहम सुराग मिले. शुरुआती जांच में सामने आया कि शुक्रवार सुबह एक वीडियो अपील सोशल मीडिया पर वायरल की गई थी. इसी वीडियो के बाद अलग-अलग वॉट्सऐप ग्रुप में नमाज का समय बदलने की सूचना फैलाई गई. एसएसपी ने बताया कि IMC का आधिकारिक फेसबुक पेज इस पूरे मामले में अहम कड़ी है.
पूछताछ में सामने आया कि डॉ. नफीस का बेटा फरहान ही इस फेसबुक पेज को ऑपरेट करता था. उसी ने नमाज बदलने वाली अपील अपलोड की थी. बाद में प्रशासन को गुमराह करने के लिए उसका स्क्रीनशॉट फैलाया गया और थोड़ी देर बाद वह पोस्ट डिलीट भी कर दी गई.
पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई
कोतवाली पुलिस ने डॉ. नफीस और उनके बेटे फरहान को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, बारादरी पुलिस ने शान, मोहम्मद नदीम, रिजवान और अमान को पकड़ा. इसके अलावा बुधवार की सुबह मुठभेड़ के दौरान दो बदमाश भी दबोचे गए. एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कुछ बाहरी राज्यों से आए हुए भी हैं. इनमें शाहजहांपुर, पश्चिम बंगाल और बिहार के लोग शामिल हैं. तीन और लोगों की पहचान हुई है, जो दूसरे राज्यों से आए थे. पुलिस अब सर्विलांस के जरिए यह पता लगाने में जुटी है कि वे कितने समय से बरेली में सक्रिय थे और किसने उन्हें यहां बुलाया था.
पुलिस की नजर मास्टरमाइंड पर
एसएसपी अनुराग आर्य ने साफ कहा कि फिलहाल पुलिस का फोकस इस हिंसा के पीछे की असली साजिश पर है. यह जांच की जा रही है कि किसने भीड़ को भड़काने और बाहर से लोगों को बुलाने की योजना बनाई थी. पुलिस का मानना है कि 19 सितंबर को जो वीडियो अपील जारी की गई थी, उसी के बाद लगातार संवाद चलता रहा और लोगों को हिंसा के लिए तैयार किया गया.
जब मीडिया ने सवाल किया कि क्या आरोपियों की संपत्ति जब्त की जाएगी तो एसएसपी ने जवाब दिया कि अभी पुलिस का पूरा ध्यान हिंसा की साजिश और इसमें शामिल लोगों की पहचान पर है. अगर जांच में मास्टरमाइंड और आयोजकों की पुष्टि होती है तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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