Bareilly Violence: एक साथ कैसे बंद हो जाता है पूरे शहर का इंटरनेट? जानें सरकार का पूरा सिस्टम
Bareilly Internet Shutdown: आज के समय में इंटरनेट हमारे जीवन का सबसे जरूरी हिस्सा बन चुका है. लेकिन दंगे, हिंसा या तनावपूर्ण हालात में सरकार अक्सर एक झटके में पूरे क्षेत्र की इंटरनेट सेवाएं बंद कर देती है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद को लेकर फैली हिंसा के बाद एहतियात के तौर पर सरकार ने 48 घंटे के लिए शहर में इंटरनेट पर बैन लगा दिया है. यह कदम अफवाहों और फेक न्यूज पर रोक लगाने के लिए उठाया जाता है. मगर सवाल यह है कि आखिर एक ही आदेश पर कैसे पूरे शहर का इंटरनेट बंद किया जाता है. यह सिस्टम कैसे काम करता है?
इंटरनेट शटडाउन की जरूरत क्यों पड़ती है
भारत में इंटरनेट का दुरुपयोग कई बार सांप्रदायिक तनाव और हिंसा भड़काने के लिए किया गया है. सोशल मीडिया के जरिए फेक न्यूज, अफवाहें और भड़काऊ संदेश तेजी से फैलते हैं. ऐसे में माहौल को काबू में करने और शांति बनाए रखने के लिए सरकार प्रभावित इलाके में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर देती है.
कैसे बंद होता है इंटरनेट?
जैसे घर में वाईफाई राउटर बंद करने से इंटरनेट बंद हो जाता है. उदाहरण के दौर पर समझें तो मान लीजिए आपका फोन एक वाईफाई राउटर से कनेक्ट है, लेकिन यदि राउटर को बंद कर दिया जाए तो वाई-फाई का सिग्नल फोन तक नहीं पहुचेगा और इंटरनेट नहीं चलेगा. उसी तरह मोबाइल के लिए टावर भी इंटरनेट सिग्नल देने का काम करते हैं.
ऐसे में सरकार को जब किसी एरिया या शहर का इंटरनेट बंद करना होता है तो उस क्षेत्र के मोबाइल टावर को ही बंद करवा दिया जाता है. जब सरकार आदेश देती है, तो टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल टावर से नेटवर्क सेवाओं को रोक देती हैं.
ISP और सरकारी आदेश की भूमिका
भारत में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) सीधे सरकारी आदेशों के अधीन होते हैं. सरकार किसी भी विशेष इलाके या राज्य में ISP को निर्देश देकर भी इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी करती है. आदेश मिलते ही ISP उस क्षेत्र के नेटवर्क को काट देते हैं, और देखते ही देखते पूरे शहर का इंटरनेट ठप हो जाता है.
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