पटना में ATM फ्रॉड करने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है। ये गिरोह 2 तरीके से फ्रॉड कर रहा था। गेमिंग ऐप और ATM के जरिए करोड़ों के ट्रांजैक्शन का पता चला है। गर्दनीबाग पुलिस ने इस मामले में 12 शातिरों को गिरफ्तार किया है। वहीं, पटना SSP कार्तिकेय शर्मा ने इनके पूरे पैटर्न का भी खुलासा किया है। ये शातिर ATM मशीन में ग्लू लगाकर पब्लिक को टारगेट करते थे। वहीं, इस गिरोह में एक बैंकर भी शामिल है, जो गैंग के सदस्यों को खाते भाड़े पर लेकर प्रोवाइड कराता था। हालांकि, इस गैंग का मास्टरमाइंड अभी भी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। अब सिलसिलेवार तरीके से जानिए गैंग की ठगी का पूरा तरीका… ATM में ग्लू लगाकर कार्ड फंसाते फिर पैसे उड़ाते पटना SSP कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि ये गैंग 2 तरीके से फ्रॉड करती थी। इसमें गेमिंग ऐप और ATM फ्रॉड का मामला शामिल है। ये लोग ATM मशीन में ग्लू लगाते थे। जिसके चलते ATM कार्ड फंस जाता था। ठीक उस व्यक्ति के पीछे गिरोह का एक सदस्य खड़ा रहता था। जो पिन देख लेता था। ATM फंसने के बाद वह शख्स परेशान हो जाता था। गैंग ATM के अंदर एक फर्जी हेल्प लाइन चिपका देती थी। कार्ड ने फंसने से बाद ग्राहक इस हेल्प लाइन नंबर पर फोन करता था। गैंग उसे किसी बहाने से ATM के बाहर बुला लेती थी। इसके बाद ATM में मौजूद शख्स कार्ड से पैसे उड़ा लेता था। पटना में हाल में सामने आए कुछ केस भी देखिए केस-1 ATM से बाहर निकलते ही खाते से पैसे निकल गए: 5 जनवरी को पटना में परसा बाजार इलाके के रहने वाले रणविजय सिंह सुबह 10:30 बजे के करीब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम पहुंचे। 10 हजार रुपए निकाले। ट्रांजैक्शन पूरा होने के बाद कार्ड अंदर से निकला ही नहीं। इस दौरान 2 लोग बाइक से पहुंचे ATM के अंदर गए और रणविजय से कहा कि पास में ही बैंक है, आप वहां जाइए। नहीं तो इस नंबर पर 8420325394 पर कॉल कीजिए। रणविजय ने फोन लगाया लेकिन नंबर बंद था। वो ATM में ही कार्ड छोड़कर बैंक के लिए निकल गए। ATM से निकलते ही रणविजय के पास खाते से पैसे निकलने का मैसेज आने लगा। सुबह 10:58 तीन मैसेज 10-10 हजार, दोपहर 12:36 बजे पटना रत्नालय ज्वेलर्स से 61 हजार 900 रुपए की ज्वेलरी खरीदने के मैसेज आए। शातिरों ने रणविजय के अकाउंट से कुल 81 हजार रुपए उड़ा लिए। ऐसा सिर्फ रणविजय के साथ नहीं हुआ। हर रोज तमाम लोगों के साथ हो रहा है। केस-2 ATM फंसा फिर 4 बार ट्रांजैक्शन का मैसेज आया: 6 जनवरी को पटना से सटे पंडारक निवासी शशि कपूर पासवान बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम पहुंचे थे। ट्रांजैक्शन के बाद कार्ड ATM में फंसा रह गया। थक-हारकर वहां दिए हेल्प लाइन नंबर 8470922590 पर संपर्क किया। कॉल रिसीव करने वाले ने उधर से कैंसिल बटन प्रेस करने के बाद पिन डालने को कहा। कुछ देर तक शातिर उन्हें अपनी बातों में उलझाए रखा। इस बीच खाते से 38,500 रुपए निकाल लिए। कुछ 4 बार ट्रांजैक्शन का मैसेज आया। केस-3 कार्ड फंसा फिर शॉपिंग हुई: इसी तरह 7 जनवरी को जहानाबाद के धीरज कुमार (36) एसबीआई एटीएम से रुपए निकालने गए थे। इस दौरान मशीन के अंदर बने स्लॉट में कार्ड फंस गया। काफी कोशिश के बाद भी कार्ड नहीं निकला। इसके बाद वहां दिए एक हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया। कॉल रिसीव करने वाले शख्स ने कहा कि दोपहर 12 बजे के बाद ही कार्ड निकल पाएगा। उसके बाद वो मशीन में कार्ड छोड़कर चले गए। कुछ देर के बाद ट्रांजैक्शन का मैसेज आने लगा। कार्ड ब्लॉक कराते-कराते खाते से कुल 1 लाख 11 हजार 271 रुपए कट गए। कुछ कैश निकाला गया थो तो कुछ रुपए से शॉपिंग की गई थी। ऐसे शिकार बनाते हैं शातिर इन तीनों केस में कॉमन ये है कि सभी पीड़ितों के कार्ड ATM में फंस गए थे। दरअसल, जानकार बताते हैं कि शातिर ATM में छेड़छाड़ कर कार्ड निकलने के रास्ते को ब्लॉक कर देते हैं। ये ठीक वैसा ही है जैसे पहले साइबर क्रिमिनल एटीएम में कैश ट्रेलर में प्लास्टिक की काली पट्टी लगा कैश निकलने से रोक देते थे। लोग पैसा निकलने का इंतजार करते थे, लेकिन पैसा मशीन से बाहर नहीं आ पाता था। जैसे ही शख्स ATM से बाहर निकलता था, बदमाश कैश ट्रेलर से काली पट्टी हटाकर पैसे निकाल लेते थे। गेमिंग एप के जरिए 55 करोड़ का ट्रांजैक्शन मिला SSP में आगे बताया कि गैंग क्रिप्टो करेंसी के जरिए भी इनके खाते में बड़े पैमाने पर ट्रांजैक्शन करती थी। तकरीबन 55 करोड़ का आंकड़ा सामने आया है। अमाउंट और भी अधिक हो सकता है। इसकी छानबीन हो रही है। अभी तक इस मामले में 13 लोग अरेस्ट किए गए हैं, जिसमें अधिकतर बैंक एजेंट हैं। इस पूरे नेटवर्क में बेतिया के नौतन के रहने वाले सौरभ द्विवेदी की भूमिका मास्टर माइंड के तौर पर सामने आई है। इस गिरोह में और भी लोग शामिल हैं। जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। पुलिस ने मास्टर माइंड समेत 12 को गिरफ्तार किया पुलिस ने मोहम्मद अमीर(26), मोहम्मद आमिर (22), मोहम्मद बकार (27), मोहम्मद जाहिद अहसान (28), नवनीत कुमार उर्फ सौरभ (23) को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही सोनू कुमार (28), सुजीत कुमार (23), प्रभात रंजन कौतुक (28), मोहम्मद खुशाम (25), विशाल कुमार (23), राहुल कुमार (27), सत्यम कुमार (23) और सौरभ द्विवेदी की भी गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने अपराधियों के पास से 54 ATM कार्ड, 11 पासबुक, 23 मोबाइल सिम के साथ, 5 सिम जब्त की है। इसके साथ ही 59 हजार रुपए कैश, 2 कार, 28 चेक बुक, 2 ब्लैंक चेक, 1 पासपोर्ट भी मिला है।
पिछले 1 साल से एक्टिव है गिरोह पुलिस के मुताबिक, सौरभ द्विवेदी इस गिरोह का मास्टरमाइंड है। सौरभ पहले सूरत में किसी निजी फैक्ट्री में काम करता था। लॉकडाउन में घर आया। इसके बाद लौटकर नहीं गया। पटना आया सत्यम के साथ मिलकर प्लान किया। सत्यम कंप्यूटर इंजीनियर है, जिससे गिरोह को खड़ा करने में सौरभ को काफी मदद मिली। इसके बाद इस गिरोह में बैंक एजेंटों को जोड़ना शुरू किया। बैंक एजेंट राहुल से मिलकर अकाउंट खोले। राहुल ने बहुत सारे डेटा गिरोह को प्रोवाइड कराए। कुछ भाड़े पर भी इन लोगों के द्वारा लोगों से खाते लिए गए। उनके अकाउंट में क्रिप्टो करेंसी के जरिए पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी ट्रांजैक्शन के सबूत मिले हैं। जिसकी पड़ताल जारी है। खाते में विदेशी करेंसी आई है। इसकी जांच केंद्रीय एजेंसियां भी कर सकती हैं। फिलहाल पटना पुलिस अपने स्तर से पड़ताल कर रही है।
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