पलामू में वन विभाग और वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने 10 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इस रैकेट में औरंगाबाद के पिता बेटे अरेस्ट हुए है। ये जड़ी-बूटी बेचने की आड़ में विदेशों तक तस्करी कर रहे थे। हरिहरगंज के पलामू से दोनों पकड़े गए । देव निवासी मोहम्मद सिराज (60) और उसका बेटा मोहम्मद मिराज (36) के पास से 1200 मिलीलीटर सांप का जहर और लगभग ढाई किलो पैंगोलिन शल्क मिले। जब्त सांप के जहर की अंतरराष्ट्रीय कीमत करीब 80 करोड़ रुपए है। पैंगोलिन शल्क की कीमत 20 लाख रुपए है। राजू शौंडिक हरिहरगंज बाजार में जड़ी-बूटी का काम करने की आड़ में तस्करी कर रहा था। वन विभाग को पहले सूचना मिली थी कि बिहार और झारखंड की सीमावर्ती क्षेत्रों में सांप का जहर स्थानीय स्तर पर इकट्ठा कर विदेशी बाजारों में सप्लाई किया जा रहा है। इस आधार पर आरोपियों की कई दिनों तक मॉनिटरिंग की गई। औरंगाबाद से गिरफ्तार पिता-बेटा से पूछताछ के बाद नेटवर्क के अन्य लोगों की पहचान हुई। इसके बाद दूसरी कार्रवाई की गई, जिसमें राहुल कुमार, गोपाल प्रसाद सिंह, मानकी सिंह, शमीतुल्ला मियां, तैयब अंसारी, अनिल यादव और विनोद चंद्रवंशी को भी धर दबोचा गया। इनसे करीब 10 किलो पैंगोलिन के टुकड़े बरामद हुए। मेड इन फ्रांस के आईडी कार्ड मिलने से इंटरनेशनल लिंक का खुलासा सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जब्त सांप के जहर के साथ एक आईडी कार्ड भी मिला, जिस पर ‘मेड इन फ्रांस’ लिखा था। इससे इंटरनेशनल लिंक की पुष्टि हुई और यह स्पष्ट हो गया कि यह गिरोह सिर्फ स्थानीय तस्करों तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका कनेक्शन विदेशी बाजारों से भी जुड़ा था। जांच में यह भी सामने आ रहा है कि सांप का जहर नशे के रूप में उपयोग होता है और इसकी वैश्विक कीमत प्रति ग्राम 7–8 लाख रुपए तक होती है।औरंगाबाद के देव इलाके में रहने वाले दोनों आरोपियों का इस रैकेट में सक्रिय होना जिले की सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चिंता का विषय है। यह नेटवर्क झारखंड-बिहार सीमा के गांवों में छिपकर सांप का जहर इकट्ठा करता था और फिर विभिन्न चैनलों से इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भेजता था। अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक तस्करों के मोबाइल और डिजिटल डिवाइस जब्त कर पूरे नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है। पूछताछ से कई और नाम सामने आने की संभावना है। पीटीआर उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना और डीएफओ सत्यम कुमार ने बताया कि यह अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक है और यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था। वन विभाग ने स्पष्ट कहा है कि इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने तक अभियान जारी रहेगा। हरिहरगंज के झंडा चौक पास के रहने वाले कारोबारी राजू शौंडिक जड़ी बूटी बेचने का काम करता था। इसके अलावा वह गुड और महुआ की भी तस्करी कारोबार करता था। बिहार में शराबबंदी के बाद तस्कर हरिहरगंज बाजार से महुआ और गुड़ खरीद कर लाते है। ये स्थानीय स्तर पर शराब चुलाई कर बेचने का काम करते हैं। अधिकांश शराब कारोबारी को राजू शौंडिक ही अच्छा और महुआ का सप्लाई करता था। वह जंगल से जड़ी बूटी मंगवाता था। इसे स्थानीय बाजार में बेचा जाता था। जड़ी बूटी खरीदने बेचने के क्रम में ही देव के रहने वाले सिराज से उसकी मुलाकात हुई। फिर दोनों ने मिलकर कारोबार शुरू किया। हालांकि आसपास के लोगों को भी इसकी भनक नहीं थी। कार्रवाई के बाद जब लोगों को जानकारी मिली तो लोग आश्चर्यचकित है। ऑटो चलाता है आरोपी का बेटा सिराज का मकान देव सूर्यकुंड तालाब के पास है। उसके पांच बेटे हैं। नेयाज ऑटो चलाता है। जबकि उसके साथ पकड़ा गया मेराज फुटपाथ पर कपड़ा बेचने का काम करता था। परिवार वालों का कहना है कि उन्हें फंसाया गया है। सिराज चमड़ा का कारोबार करते थे। हालांकि अब उन्होंने यह कारोबार भी बंद कर दिया था। आंखों की रोशनी कम हो गई थी। ठंड शुरू होने पर आंख का ऑपरेशन करवाना था। हरिहरगंज में किसी के पास पैसा बकाया था। इसी के सिलसिले में वे अपने बेटा मेराज के साथ हरिहरगंज गए थे। जहां उन्हें पकड़ लिया गया।
https://ift.tt/2TmkJLh
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply