मोतिहारी पुलिस ने सात साल से मृत घोषित एक महिला को जिंदा बरामद किया है। इस मामले में महिला के ससुराल पक्ष पर दहेज हत्या और शव गायब करने का आरोप था, जिसके बाद एक केस भी दर्ज किया गया था। पुलिस की जांच में यह मामला झूठा निकला। बरामद महिला की पहचान मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बसवान भवानीपुर निवासी इंद्रासन भगत की पुत्री मंजू कुमारी के रूप में हुई है। मंजू की शादी 4 मार्च 2018 को चकिया थाना क्षेत्र के बारा गोविंद गांव निवासी उपेंद्र भगत से हुई थी। शादी के कुछ ही महीनों बाद मंजू अपने ससुराल से गायब हो गई थी। मोतिहारी न्यायालय में एक कोर्ट परिवाद दायर किया 9 नवंबर 2018 को मंजू के पिता ने मोतिहारी न्यायालय में एक कोर्ट परिवाद दायर किया। इसमें आरोप लगाया गया था कि दहेज की मांग पूरी न होने पर मंजू की हत्या कर दी गई और साक्ष्य मिटाने के लिए शव को गायब कर दिया गया। कोर्ट के आदेश पर चकिया थाना में कांड संख्या 294/18 दर्ज किया गया। तत्कालीन सीएसपी और एसपी के पर्यवेक्षण में भी घटना को प्रथम दृष्टया सत्य माना गया। इसके बाद मंजू के पति, सास, ससुर सहित पांच लोगों को आरोपी बनाया गया। गिरफ्तारी के डर से सभी आरोपी घर छोड़कर फरार हो गए थे। बाद में मामले को दबाने के लिए मंजू के पिता को कथित तौर पर मोटी रकम देकर न्यायालय में सुलहनामा भी दाखिल कराया गया। अनुसंधान के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि मंजू जीवित है मामले के अनुसंधान के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि मंजू जीवित है और अपने मायके आई हुई है। इस सूचना पर केस के अनुसंधानकर्ता पीएसआई मौसम कुमार ने पीएसआई साक्षी सेहा और पुलिस बल के साथ छापेमारी कर मंजू को बरामद कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में मंजू ने बताया कि वह अपने ससुराल से भागकर अहमदाबाद चली गई थी। वहां उसने एक युवक से दूसरी शादी कर ली और वहीं रहने लगी। उसे एक बच्चा भी है। हाल ही में वह अपने मायके आई थी, तभी पुलिस ने उसे बरामद कर लिया।
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