सिटी रिपोर्टर| बेगूसराय शुक्रवार को शहर का वीपी स्कूल किसी विज्ञान कहानी की जीवंत किताब जैसा नजर आ रहा था। हर कक्षा, हर गलियारा और हर मंच बच्चों की नई सोच, नवाचार और कल्पना से चमक रहा था। मौका था जिला स्तरीय 53वीं बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का, जिसमें प्रतिभाशाली बच्चों ने ऐसे-ऐसे मॉडल पेश किए कि शिक्षक, निर्णायक और दर्शक सभी दंग रह गए। इस बार प्रदर्शनी में 160 ग्रुपों ने हिस्सा लिया और उतने ही अनोखे मॉडल प्रदर्शित किए। संधारण कृषि के 21 मॉडल में बच्चों ने टिकाऊ खेती के तरीके समझाए। अपशिष्ट प्रबंधन और प्लास्टिक के विकल्प वाले 24 मॉडल ने दिखाया कि प्लास्टिक के दुष्परिणाम को कम कर नए विकल्प कैसे बनाए जा सकते हैं। हरित ऊर्जा के 24 मॉडल ऊर्जा बचत और वैकल्पिक ऊर्जा पर केंद्रित थे। उभरती तकनीक के 18 मॉडल में बच्चों ने नई तकनीकी संभावनाओं को सरल भाषा में समझाया। खेल-खेल में गणित को आसान बनाने वाले 15 मॉडल बच्चों की रचनात्मकता का बेहतरीन उदाहरण रहे। वहीं स्वच्छता और जल संरक्षण से जुड़े 57 मॉडलों ने पर्यावरण जागरूकता को नए रूप में सामने रखा। कार्यक्रम का उद्घाटन डीईओ मनोज कुमार ने किया। अध्यक्षता माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष उमानंद चौधरी ने की। मुख्य अतिथि राज्य उपाध्यक्ष सुरेश प्रसाद राय और विशिष्ट अतिथि डीपीओ स्थापना अमृत कुमार ने बच्चों के मॉडल देखकर उनकी प्रतिभा की सराहना की। निर्णायक मंडल का नेतृत्व पूर्व विज्ञान शिक्षक राजेंद्र नारायण सिंह ने किया। प्रदर्शनी में वीपी स्कूल की प्रस्तुति को सबसे बेहतर घोषित किया गया, जबकि डीएवी पब्लिक स्कूल इटवा का मॉडल पूरे आयोजन का सर्वोत्तम चुना गया। पहली बार दो सम्मान शुरू किए गए, तारकेश्वर प्रसाद सिंह मेमोरियल शील्ड (वीपी स्कूल) और डॉ. मजाहिर हुसैन मेमोरियल कप (डीएवी इटवा)। राज्य उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश प्रसाद राय ने कहा, “बाल वैज्ञानिक किसी राष्ट्र की अमूल निधि हैं। आज की प्रदर्शनी यह बताती है कि भविष्य के वैज्ञानिक हमारे बीच मौजूद हैं और अपनी कल्पना को हकीकत बनाने के लिए तैयार हैं। पुरस्कार वितरण डीईओ मनोज कुमार ने किया।
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