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40 साल पुराने फर्जी सर्टिफिकेट भी नहीं बचेंगे:बिहार बोर्ड अब एआई से पकड़ेगा फर्जी सर्टिफिकेट

बिहार बोर्ड अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से फर्जी सर्टिफिकेट पकड़ेगा। जो विद्यार्थी नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि या फोटो बदलकर एक से अधिक बार मैट्रिक या इंटर की परीक्षा दे चुके हैं, उन्हें एआई पकड़ेगा। बोर्ड फॉर्म भरने, परीक्षा आयोजन और रिजल्ट तैयार करने तक हर चरण में एआई का इस्तेमाल करेगा। यह सिस्टम 2026 की मैट्रिक-इंटर परीक्षा से पहले पूरी तरह चालू हो जाएगा। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि एआई 1985-86 तक के पुराने फर्जी प्रमाण पत्र भी पकड़ लेगा। ऐसे सभी सर्टिफिकेट रद्द होंगे। अगर कोई व्यक्ति फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहा है और सत्यापन बोर्ड से हुआ, तो उसकी नौकरी खत्म हो सकती है। सत्यापन, डेटा एंट्री या कोर्ट केस के दौरान पहले भी कई फर्जी सर्टिफिकेट उजागर हुए हैं। बोर्ड ने ऐसे सर्टिफिकेट रद्द भी किए थे। अब एआई नाम, पता, जन्मतिथि और फोटो स्कैन कर मिलान करेगा। इसलिए गड़बड़ी के बहुत अधिक मामले सामने आने की संभावना है। जो आप जानना चाहते हैं… कार्रवाई सख्त होगी… संबंधित व्यक्ति के सर्टिफिकेट को तत्काल रद्द कर दिया जायेगा। उस आधार पर लिये गये दूसरे सर्टिफिकेट भी मान्य नहीं होंगे फर्जीवाड़े का इतिहास… विगत वर्षों में जब सर्टिफिकेट्स को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू हुई है, इस तरह के मामले बीच-बीच में पकड़ में आते रहे हैं। इस संबंध में शिकायतें भी आती रहती हैं। बोर्ड का कोई अधिकारिक डाटा नहीं है। कितने दायरे में… हर साल 13 लाख इंटर व 15 लाख मैट्रिक के छात्र-छात्राओं की सभी जानकारियों को एआई स्कैन करेगा। 1985-86 तक के फर्जी सर्टिफिकेट एआई के दायरे में आएंगे। अगर सर्टिफिकेट फर्जी मिला तो रद्द किया जाएगा। प्रमाणपत्र पर भर्ती: पुलिस, शिक्षक, राजस्व जैसे विभागों में फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी ली तो नियुक्ति अवैध घोषित होगी। अवैध हो जाएगी। संविदा पर नियुक्ति : संविदा पर काम कर रहे लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि उनका सर्टिफिकेट सत्यापन नहीं होता है। कैसे की जाएगी जांच.. एआई अभ्यर्थियों की फोटो, सिग्नेचर, आधार, सर्टिफिकेट्स में दर्ज नाम, पता, जन्म तिथि आदि से मिलान कर फर्जी सर्टिफिकेट्स को पकड़ेगा। एआई के इस्तेमाल की तैयारी पूरी बिहार बोर्ड में एआई का इस्तेमाल करने की तैयारी पूरी है। इससे पुराने या नए सभी फर्जी सर्टिफिकेट डिटेक्ट हो जाएंगे। कोई छात्र नाम या जन्मतिथि बदलकर परीक्षा देगा तो तुरंत पता चलेगा। बोर्ड का काम पहले से तेज और सटीक होगा। छोटी-छोटी गलतियां भी पकड़ी जाएंगी। -आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति 7279 पदों पर स्पेशल टीचर की नियुक्ति के लिए 29 जनवरी को परीक्षा होगी बीपीएससी की ओर से 7279 पदों पर स्पेशल टीचर की नियुक्ति के लिए 29 जनवरी को लिखित परीक्षा होगी। 7279 में से 5334 पदों पर 1 से 5वीं कक्षा तक के टीचरों की नियुक्ति होगी। जबकि, 1745 पदों पर 6वीं से 8वीं कक्षा के टीचर की नियुक्ति होगी। 1 से 5वीं कक्षा के लिए भाषा और सामान्य अध्ययन विषय की परीक्षा होगी। 6 से 8वीं कक्षा के लिए अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, बांग्ला सहित अन्य विषय की परीक्षा होगी।


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