भास्कर न्यूज | राघोपुर चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ शनिवार से ही शुरू हो गया। रविवार को खरना के प्रसाद ग्रहण के बाद व्रतियों ने 36 घंटे तक चलने वाले निर्जला उपवास की शुरुआत की। सोमवार की संध्या को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। जबकि मंगलवार की सुबह उदयीमान भगवान भास्कर को दूसरा अर्घ्य देने के साथ यह महापर्व संपन्न हो जाएगा। दीपावली के तुरंत बाद ही छठ की तैयारिया शुरू हो जाती हैं। डाला, दौरा, कोनिया, सूप, बांस की टोकरिया और पूजन सामग्री की खरीदारी व बुनाई पहले से ही आरंभ हो जाती है। नगर पंचायत सिमराही के कार्यपालक पदाधिकारी के निर्देश पर लगातार घाटों की सफाई और व्यवस्था का कार्य जारी है। व्रती पूजन सामग्री की खरीदारी में जुटे हैं। बाजारों में बांस से बने सूप, दउरा, डाला, कोनिया के साथ नारियल, गन्ना, सिंघाड़ा, हल्दी, अदरक के पौधे, मिट्टी के बर्तन, और अन्य पारंपरिक वस्तुएं सजाई गई हैं। 200 रुपए का केला घेर 800 रुपये में, 8 रुपये किलो बिकने वाला गन्ना 10 रुपये प्रति पीस एवं 30 रुपये वाला नारियल 60 रुपये में बिक रहा है। पंडित त्रिलोकनाथ झा के अनुसार, छठ पर्व एक कठिन तपस्या के समान है। महिलाए तो करती ही हैं, कई पुरुष भी पूर्ण श्रद्धा से यह व्रत रखते हैं। व्रती इन चार दिनों तक उपवास कर साधारण जीवन जीते हैं। इस दौरान वे जमीन पर चादर या कंबल बिछाकर सोते हैं। मान्यता है कि छठ व्रत करने वाली महिलाओं को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। मरौना | रविवार को ग्रामीण बाजारों में फलों की खरीदारी के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान सेब, केला, नारियल, संतरा, नींबू, गन्ना समेत छठ पूजा में उपयोग होने वाले फलों की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई। स्थानीय दुकानदारों के अनुसार, पिछले सप्ताह की तुलना में फलों के दामों में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। ग्रामीण इलाकों में भी छठ पर्व को लेकर तैयारी जोरों पर है। गांव के चौक-चौराहों और मंदिरों के पास अस्थायी फल दुकानों की भरमार है। महिलाएं पूजा सामग्री और फल खरीदने में व्यस्त नजर आ रही हैं। छठ पर्व के प्रति लोगों की गहरी आस्था देखते हुए प्रशासन ने बाजारों में व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
https://ift.tt/PaUX82G
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply