31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म हो जाएगा… गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा ऐलान
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन (SPMRF) द्वारा रविवार (28 सितंबर 2025) को दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘भारत मंथन’ 2025 – ‘नक्सल मुक्त भारत’ कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा.
अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद का वैचारिक पोषण किसने किया, जब तक उनको हम समझ नहीं पाते तब तक नक्सल खत्म नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग ऐसा मानते हैं कि नक्सलवाद की हथियारी गतिविधियां समाप्त होने के साथ ही नक्सलवाद की समस्या समाप्त हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं है.
‘देश में नक्सलवाद क्यों विकसित हुआ?’
उन्होंने कहा कि देश में नक्सलवाद क्यों विकसित हुआ? इसका वैचारिक पोषण किसने किया? जब तक भारत का समाज नक्सलवाद के विचार का वैचारिक पोषण, लीगल समर्थन और वित्तीय सहायता करने वाले समाज में बैठे लोगों को समझ नहीं लेता है और उन लोगों को हम वापस नहीं लाते हैं, तब तक नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई समाप्त नहीं होगी.
#WATCH | Delhi: Union Home Minister Amit Shah says, “…This country will be free of Naxalism by March 31, 2026. Many people believe that the Naxalite problem will end with the end of armed activities. But this is not the case. Why did the Naxalite problem arise, grow, and pic.twitter.com/01NhShHMWg
— ANI (@ANI) September 28, 2025
‘नक्सल विचारधारा वाले लोगों की पहचान जरूरी’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कई लोग मानते हैं कि नक्सलियों द्वारा की जा रही हत्याओं को रोकना ही भारत से नक्सलवाद का सफाया करने के लिए पर्याप्त है. हालांकि, यह सच नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत में नक्सलवाद इसलिए पनपा क्योंकि इस विचारधारा को हमारे समाज के ही कुछ लोगों ने पोषित किया. उन्होंने कहा कि हमें उन लोगों की पहचान करनी होगी और उन्हें समझना होगा जो नक्सल विचारधारा को पोषित करते रहते हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा ‘मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने 1960 के दशक से नक्सलवाद के विरुद्ध संघर्ष में अपने प्रियजनों को खोया है. मैं उन सभी लोगों के प्रति भी अपना समर्थन व्यक्त करता हूं जो इस संघर्ष का हिस्सा रहे हैं.
‘आप हथियार डाल दें, पुलिस गोली नहीं चलाएगी’
अमित शाह ने कहा कि हाल ही में भ्रम फैलाने के लिए एक पत्र लिखा गया जिसमें कहा गया कि अब तक जो कुछ हुआ है वह एक भूल थी, युद्धविराम घोषित किया जाना चाहिए और हम आत्मसमर्पण करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कोई युद्धविराम नहीं होगा. उन्होंने साफ कहा कि अगर आप आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, तो युद्धविराम की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि आप अपने हथियार डाल दीजिए. पुलिस एक भी गोली नहीं चलाएगी और आपका पुनर्वास करेंगे.
#WATCH | Delhi: On Naxalism, Union Home Minister Amit Shah says, “Recently, to spread confusion, a letter was written stating that what has happened so far has been a mistake, that a ceasefire should be declared, and that we want to surrender. There will be no ceasefire. If you pic.twitter.com/rV2P1FsZ5a
— ANI (@ANI) September 28, 2025
वामपंथी दलों पर भड़के अमित शाह
मंत्री ने आगे कहा कि जैसे ही पत्र आया सब उछल पड़े. ये सभी वामपंथी दल वामपंथी हिंसा से सार्वजनिक रूप से दूर रहे थे. लेकिन जैसे ही ऑपरेशन ब्लैक फ़ॉरेस्ट हुआ, उनकी तुच्छ सहानुभूति उजागर हो गई. उन्होंने पत्र और प्रेस नोट लिखकर मांग की कि ऑपरेशन ब्लैक फ़ॉरेस्ट तुरंत बंद किया जाए. सीपीआई और सीपीआई(एम) ने ऐसा किया. शाह ने कहा कि उन्हें उनकी रक्षा करने की क्या ज़रूरत है. उन्होंने कहा ‘एनजीओ पीड़ित आदिवासियों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए आगे क्यों नहीं आते?. क्या ये लंबे-चौड़े लेख लिखने वाले और हमें सलाह देने वाले सभी लोगों ने कभी आदिवासी पीड़ितों के लिए एक लेख लिखा है? उन्हें इसकी चिंता क्यों नहीं है? आपकी सहानुभूति इतनी चुनिंदा क्यों है?’.
अमित शाह ने कहा कि यह उन लोगों को जवाब है जो कहते हैं कि वामपंथी उग्रवाद विकास की वजह से शुरू हुआ. वामपंथी उग्रवाद विकास की वजह से शुरू नहीं हुआ। वामपंथी उग्रवाद की वजह से विकास रुका हुआ था. उन्होंने कहा कि अब, 2014 से 25 तक, हमने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में 12 हज़ार किलोमीटर सड़कें बनाई हैं.
‘290 नक्सली मारे गए, 1090 नक्सली गिरफ्तार’
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हम किसी को मारना नहीं चाहते, लेकिन अगर कोई किसी निर्दोष को मरेगा तो उनको बचाना हमारा काम है. उन्होंने कहा कि जो आत्मसमर्पण करना चाहते हैं उनके लिए हमारी सरकार में रेड कार्पेट है. लेकिन जो हथियार उठाएगा उसको जबाव मिलेगा. अगर कोई बंदूक उठाएगा तो गोली का जवाब सरकार गोली से देगी. उन्होंने डाटा शेयर करते हुए बताया कि साल 2024 में नक्सल के खिलाफ अभियान में 290 नक्सली मारे गए, जो हथियार के साथ थे. इसके अलावा 1090 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया.वहीं 881 नक्सलियों ने खुद का आत्मसर्पण कर दिया.
#WATCH | Delhi: Union Home Minister Amit Shah says, “…Article 370 was abolished in Jammu and Kashmir. Work was done through a well-planned policy against Pakistan-sponsored terrorism. I want to share its results… Deaths of security personnel have decreased by 65% and pic.twitter.com/rIxC2SX3D7
— ANI (@ANI) September 28, 2025
‘जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त किया’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गया. पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एक सुनियोजित नीति के तहत काम किया गया. उन्होंने बताया कि सुरक्षाकर्मियों की मृत्यु में 65% और नागरिकों की मृत्यु में 77% की कमी आई है. आज वहां हर कानून लागू है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव हुए. एक समय वहां से सांसद 10,000 वोटों से चुने जाते थे क्योंकि चुनावों का बहिष्कार किया जाता था. जिला और तालुका पंचायत अध्यक्ष चुनावों में 99.8% मतदान हुआ.
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