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3 मिनट में एक से दूसरे स्टेशन पहुंचेंगे पैसेंजर:एक दिन में 17 ट्रिप रहेंगी, ₹20 से किराया शुरू; जानिए, भोपाल मेट्रो से जुड़ा सबकुछ

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल कल 20 दिसंबर से मेट्रो सिटी बन जाएगी। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मेट्रो का उद्घाटन करेंगे। 6.22 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर मेट्रो में सवार होकर शहर को देखेंगे। अगले दिन 21 दिसंबर की सुबह 9 बजे से आम लोग भी मेट्रो की सवारी कर सकेंगे। एक दिन में मेट्रो सुभाष नगर से एम्स के बीच कुल 17 ट्रिप लगाएगी। 3 मिनट में एक से दूसरे स्टेशन पर पहुंचेंगी और न्यूनतम किराया 20 रुपए होगा। कब-किस स्टेशन से मेट्रो मिलेगी? यात्री कैसे स्टेशन के अंदर जाएंगे? एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन की दूरी कितनी है? टोटल ट्रैवल टाइम कितना रहेगा? इमरजेंसी में किस तरह मेट्रो प्रबंधन से संपर्क कर पाएंगे… इन सभी सवालों के जवाब दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट में जानिए… 6.22Km में 8 स्टेशन…शुरुआत सुबह 9 बजे से
भोपाल में मेट्रो के दो प्रोजेक्ट चल रहे हैं। पहला ऑरेंज लाइन करोंद से एम्स के बीच 16.74 किलोमीटर लंबा है। वहीं, दूसरा प्रोजेक्ट ब्लू लाइन 14.16 किलोमीटर भदभदा से रत्नागिरी तक है। दोनों के लिए डिपो सुभाष नगर में बना है। वहीं, पुल बोगदा में जंक्शन बनेगा यानी, ट्रेनें यहां से क्रॉस होंगी। सबसे पहले ऑरेंज लाइन के प्रायोरिटी कॉरिडोर सुभाष नगर से एम्स तक 6.22 किमी की शुरुआत हो रही है। इसमें 8 स्टेशन- सुभाष नगर, केंद्रीय स्कूल, डीबी मॉल, एमपी नगर, रानी कमलापति, डीआरएम ऑफिस, अलकापुरी और एम्स हैं। एक रूट में 75 मिनट के अंदर मेट्रो ट्रिप पूरी करेगी। एक दिन में कुल 17 ट्रिप होंगी। जिसमें एम्स से सुभाष नगर के बीच 9 और सुभाष नगर से एम्स के बीच 8 ट्रिप शामिल हैं। पहली ट्रेन सुबह 9 बजे से एम्स स्टेशन से चलेगी और आखिरी स्टेशन सुभाष नगर तक 40 मिनट में पहुंचेगी। वहीं, आखिरी ट्रेन भी एम्स से ही शाम 5 बजे चलेगी, जो शाम 6.25 बजे सुभाष नगर पहुंच जाएगी। 3 जोन में बांटा किराया, अधिकतम 40 रुपए रहेगा
मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने भोपाल मेट्रो का किराया 3 जोन में बांटा है। इसमें कुल 8 स्टेशन हैं। पहले दो स्टेशन का किराया 20 रुपए है। 3 से 5 स्टेशन का 30 रुपए और 6 से 8 स्टेशन का किराया 40 रुपए लगेगा। उदाहरण के तौर पर- यदि आप डीबी मॉल स्टेशन से रानी कमलापति स्टेशन जाते हैं तो आपको 20 रुपए चुकाने होंगे, लेकिन यदि आप एम्स तक की यात्रा कर रहे हैं तो आपको 40 रुपए किराया देना पड़ेगा। किराए में कोई छूट नहीं दी जाएगी
इंदौर में 31 मई को मेट्रो का कमर्शियल रन हुआ था। शुरुआती 7 दिन तक लोगों को मुफ्त में सफर कराया गया था। वहीं, एक महीने तक 25% से 75% तक किराए में छूट मिली थी। उम्मीद थी कि किराए का ये मॉडल भोपाल में भी अपनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मेट्रो एमडी कृष्ण एस. चैतन्य ने बताया कि भोपाल में किराए में छूट नहीं दी जाएगी। अब जानें, मेट्रो ट्रेन में बैठने से लेकर उतरने तक की प्रोसेस मेट्रो ट्रेन में यात्री अंदर कैसे जाएंगे?
स्टेशन से टिकट लेने के बाद यात्री प्लेटफॉर्म पर पहुंचेंगे। यहां पर मेट्रो ट्रेन आने के 10 सेकेंड बाद प्लेटफॉर्म और मेट्रो के गेट एक साथ खुलेंगे। इस दौरान अनाउंसमेंट भी होगा कि गेट से दूरी बनाकर रखें, गेट खुलने वाले हैं। कितने लोगों के बैठने की क्षमता है?
मेट्रो में कुल 980 यात्रियों की क्षमता है। हालांकि, एक कोच में लगभग 330 यात्री ही सफर कर सकते हैं। एक कोच में बैठने के लिए सिर्फ आमने-सामने दोनों तरफ मिलाकर 6 चेयर है। 6 में से कुछ चेयर पर 5 तो कुछ पर 7 यात्रियों के बैठने की जगह है। इस लिहाज से एक कोच में 50 यात्री ही बैठ सकेंगे, बाकी 280 यात्रियों को खड़े होकर ही यात्रा करनी होगी। मेट्रो एमडी चैतन्य ने कहा कि क्षमता तो अधिक है, लेकिन ढाई सौ यात्री बेहतर तरीके से यात्रा कर सकते हैं। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन की दूरी कितनी है?
सुभाष नगर से एम्स के बीच 6.22 किमी के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो चलेगी। इस दौरान कुल 8 स्टेशन आएंगे। एम्स से बैठने के बाद सबसे पहला स्टेशन अलकापुरी आएगा, जहां ट्रेन 3 मिनट में पहुंचेगी। मेट्रो ट्रेन को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचने में 2 से 3 मिनट का ही समय लेगा। मेट्रो ट्रेन का टोटल ट्रैवलिंग टाइम कितना रहेगा?
मेट्रो ट्रेन का टोटल ट्रैवलिंग टाइम करीब 40 मिनट का रहेगा। यह एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन की दूरी कम से कम 2 मिनट और अधिकतम 3 मिनट में पूरी करेगी। वहीं, मेट्रो ट्रेन प्रत्येक स्टेशन पर यात्रियों के चढ़ने और उतरने के लिए 2 मिनट रुकेगी। इस तरह मेट्रो का टोटल ट्रैवलिंग टाइम 40 मिनट तक पहुंच जाएगा। इमरजेंसी में किस तरह मेट्रो प्रबंधन से संपर्क कर पाएंगे?
मेट्रो ट्रेन में यात्री ट्रेन के संचालक के पास नहीं जा पाएंगे और न ही सामान्य ट्रेन की तरह कोई स्टाफ ट्रेन में मौजूद रहेगा। मेट्रो ट्रेन में अगर किसी यात्री को इमरजेंसी होती है तो वह इमरजेंसी बटन दबाकर मेट्रो ड्राइवर से इंटरकॉम पर बात कर सकेगा। इसके बाद ड्राइवर तत्काल ही स्टेशन पर इमरजेंसी की जानकारी दे देंगे। जिससे मेट्रो ट्रेन के पहुंचने के पहले इमरजेंसी टीम स्टेशन पर पहुंच जाएगी। भोपाल में अभी ड्राइवर के जरिए मेट्रो चलेगी। एमडी चैतन्य के अनुसार, फ्यूचर में बिना ड्राइवर के भी मेट्रो चलाने का विचार है। आप किन स्टेशन के बीच रास्ता तय कर रहे हैं?
मेट्रो ट्रेन में सफर के दौरान आपको दो तरह के डिस्पले के माध्यम से स्टेशनों की जानकारी मिलेगी। ट्रेन शुरू होने के साथ ही डिस्पले पर सबसे पहले मेट्रो के रूट की जानकारी आएगी। इसके बाद अगला स्टेशन आने पर स्टेशन की जानकारी आएगी। इस दौरान डिस्पले पर यह भी जानकारी आएगी कि मेट्रो ट्रेन ने एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन की दूरी कितने समय में तय की। स्टेशन आने पर कैसे एग्जिट होगा?
गंतव्य स्टेशन आने पर सबसे पहले यह जानकारी आएगी कि आप कितनी देर में स्टेशन पर पहुंचे हैं। इसके साथ ही अनाउंसमेंट भी होगा। मान लीजिए कि आपको एम्स से डीबी मॉल स्टेशन तक की यात्रा करना है तो डीबी मॉल स्टेशन आने पर अनाउंसमेंट होगा कि स्टेशन आ चुका है। कृपया गेट से दूर हट जाएं। मेट्रो के गेट प्लेटफार्म की तरफ खुलेंगे। दिव्यांग यात्री कैसे सफर कर पाएंगे?
मेट्रो ट्रेन के पहले और आखिरी कोच में दिव्यांगजन की व्हीलचेयर के लिए अलग से जगह है। व्हीलचेयर के स्थान के पास ‘लॉन्ग स्टॉप रिक्वेस्ट बटन’ है, जिसे दबाकर दिव्यांगजन ट्रेन ऑपरेटर को अधिक देर तक दरवाजा खुला रखने के लिए सूचित कर सकते हैं ताकि वे आराम से ट्रेन से उतर सकें। अब जानिए, भोपाल मेट्रो की खास बातें सभी कोच स्टेनलेस स्टील और रस्ट प्रूफ
मेट्रो कोच सफेद और नारंगी रंग के लुक में बनाए गए हैं। सभी डिब्बे स्टेनलेस स्टील से बने हैं, जो रस्ट फ्री हैं। पहले और तीसरे कोच के आगे का हिस्सा इंजन की तरह भी काम करेगा, जबकि बीच का कोच ट्रेलर कार है। फिलहाल ड्राइवर मेट्रो का संचालन करेंगे। वहीं, भविष्य में ड्राइवर लैस कोच भी हो सकेंगे। तीन कोच की रहेगी एक ट्रेन
भोपाल में इस तरह के कुल 81 कोच आएंगे यानी कुल 27 ट्रेन ट्रैक पर दौड़ेंगी। अभी 8 ट्रेन आ चुकी हैं। शहर में दो रूट पर मेट्रो चलाई जानी है। एक रूट एम्स से करोंद तक और दूसरा भदभदा से रत्नागिरी तक है। कोच में आमने-सामने की सीटिंग
हर कोच में आमने-सामने की लंबी सीटें हैं। इन सीटों पर 45 से ज्यादा यात्री बैठ सकेंगे। हर कोच के दरवाजे ऑटोमैटिक हैं। करीब 350 लोग यात्रा कर सकेंगे। बीच वाले हिस्से और दरवाजे तक पर्याप्त जगह है, जहां 300 से ज्यादा यात्री खड़े हो सकेंगे। कोच में यात्रियों के मोबाइल चार्जिंग के लिए पर्याप्त पॉइंट हैं। 67 मीटर लंबी है एक ट्रेन
तीनों कोच को जोड़ने के बाद एक ट्रेन बनती है, जिसकी लंबाई 67 मीटर है। जब ट्रेन एक छोर से शुरू होगी और आखिरी स्टेशन तक जाएगी तो फिर सबसे आखिरी कोच से दोबारा शुरू होगी। इस तरह पहला और आखिरी कोच ड्राइविंग पार्ट के रूप में भी काम करेगा। डोर, ब्रेक, एसी सभी के अलग-अलग सॉफ्टवेयर
कोच के डोर, ब्रेक, एसी सभी के अलग-अलग तरह के सॉफ्टवेयर हैं। संचालन उन्हीं से होगा। ऑटोमैटिक होगा संचालन
मेट्रो की दूरी और स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी। इस दौरान संचालन में किसी प्रकार की परेशानी, कमी आदि को पूरा किया जाएगा। हर कोच में अलग-अलग स्थानों पर डिजिटल मैप हैं, जो रास्तेभर रूट और स्थान बताएंगे। एलईडी टीवी भी हैं, जिनमें यात्री न्यूज और मनोरंजक कार्यक्रम देख सकेंगे। अभी 40 किमी प्रतिघंटा तक अधिकतम स्पीड रहेगी। हालांकि, भोपाल में 100 किमी प्रतिघंटा तक ट्रायल रन हो चुका है। दिव्यांग के लिए ब्रेल लिपि में टाइलें
भोपाल मेट्रो में वातानुकूलित, प्रदूषण रहित आधुनिक कोच हैं। एक ट्रेन की क्षमता लगभग 980 यात्रियों की है। सभी स्टेशनों पर लिफ्ट, एस्केलेटर लगाए गए हैं। दिव्यांगजन के लिए ब्रेल लिपि और स्पर्शनीय टाइलें लगाई गई हैं। सभी स्टेशन और डिपो पर CCTV कैमरे और अग्निशमन उपकरण लगाए गए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए आपातकालीन बटन और इंटरकॉम की व्यवस्था की गई है। दृष्टिहीन यात्रियों के लिए ऑडियो अनाउंसमेंट सिस्टम लगाया गया है। दिल्ली, मुंबई-लखनऊ से महंगा भोपाल मेट्रो का किराया
देश में दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, कोच्चि, लखनऊ, गुड़गांव, नोएडा, नागपुर, पुणे और अहमदाबाद में मेट्रो का संचालन हो रहा है। मध्य प्रदेश में पहली मेट्रो इंदौर में इसी साल 31 मई से शुरू हुई थी। रिकॉर्ड को देखें तो दिल्ली मेट्रो सबसे बड़ा नेटवर्क है। भोपाल में भी 21 दिसंबर से आम लोग मेट्रो में सफर कर सकेंगे, लेकिन उन्हें दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, जयपुर समेत अन्य मेट्रो से अधिक किराया देना पड़ेगा। भोपाल में किराए की शुरुआत ही 20 रुपए से हो रही है जबकि बाकी शहरों में 10, 11 और 15 रुपए से किराया शुरू है। बड़े मेट्रो शहरों के किराए को स्लाइड के जरिए जानिए साल 2018 से शुरू हुआ था मेट्रो का काम
भोपाल में पहला मेट्रो रूट एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है। इसमें से एम्स से सुभाष नगर के बीच 6.22 किलोमीटर पर प्राथमिकता कॉरिडोर के तौर पर 2018 में काम शुरू किया गया था। सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन स्टेशन तक काम पूरा हो चुका है। इसके आगे अलकापुरी, एम्स और डीआरएम मेट्रो स्टेशन के कुछ काम बाकी हैं, जो पूरे किए जा रहे हैं। रेलवे ट्रैक के ऊपर दो स्टील ब्रिज भी बनाए गए हैं। दो साल पहले हुआ था पहला ट्रायल
भोपाल में पहली बार मेट्रो 3 अक्टूबर 2023 को पटरी पर दौड़ी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था। ये खबर भी पढ़ें… भोपाल में 20 दिसंबर से दौड़ेगी मेट्रो, केंद्रीय मंत्री खट्‌टर उद्घाटन करेंगे भोपाल में मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन 20 दिसंबर की शाम को होगा। मिंटो हॉल में आयोजित उद्धाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, सीएम मोहन यादव समेत जानी-मानी हस्तियां शामिल होंगी। केंद्रीय मंत्री खट्‌टर और सीएम यादव सुभाष नगर स्टेशन से मेट्रो में बैठेंगे और एम्स तक जाएंगे। यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रिकॉर्डेड वीडियो मैसेज जारी किया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर…


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