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26 साल पुराने हत्या मामले में बक्सर कोर्ट का फैसला:ब्रहमपुर थाना कांड में अभियुक्त को आजीवन कारावास

बक्सर में 26 साल पुराने ब्रहमपुर थाना कांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे-5) की अदालत ने एक अभियुक्त को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला 8 मई 1999 को दर्ज हुआ था और लंबे समय से न्यायालय में विचाराधीन था। भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 341, 323, 324, 325, 307 और 504 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बक्सर पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य, गवाहों की गवाही और गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान के आधार पर न्यायालय ने अभियुक्त को दोषी पाया। 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई न्यायालय ने ब्रहमपुर चौरास्ता निवासी भीम तिवारी (पिता स्वर्गीय कालिका तिवारी) को भारतीय दंड संहिता की धारा 302/149 के तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। धारा 307/149 के तहत सात वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। घटना 8 मई 1999 की शाम करीब 3:30 बजे हुई अपर लोक अभियोजक शेषनाथ सिंह ने बताया कि घटना 8 मई 1999 की शाम करीब 3:30 बजे हुई थी। आरोपी सूचक की जमीन पर चहारदीवारी बना रहे थे, जिसका विरोध करने पर विवाद बढ़ गया। आरोपियों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। हमले में ब्रहमपुर निवासी रामाशंकर प्रसाद (पिता विश्वनाथ प्रसाद) के सिर में गंभीर चोट लगी। उन्हें इलाज के लिए पीएमसीएच, पटना रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। मृतक के भाई दयाशंकर प्रसाद के बयान पर आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अभियोजन पक्ष ने सुनवाई के दौरान नौ गवाह प्रस्तुत किए। चार अभियुक्तों में से तीन को पहले ही भेजा जेल आठ अभियुक्तों में से दो की फाइल बाद में किशोर न्यायालय भेजी गई, जबकि सुनवाई के दौरान दो अभियुक्तों की मृत्यु हो गई। शेष चार अभियुक्तों में से तीन को पहले ही दोषी ठहराते हुए सजा सुनाकर जेल भेजा जा चुका है, जबकि भीम तिवारी फरार घोषित किया गया था। हाल ही में अभियुक्त भीम तिवारी के न्यायालय में प्रस्तुत होने के बाद अदालत ने सजा सुनाते हुए उसे कारावास के लिए भेज दिया। इस फैसले को न्यायिक प्रक्रिया की बड़ी सफलता और पीड़ित पक्ष के लिए न्याय की जीत के रूप में देखा जा रहा है।


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