संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार की संचालन समिति की बैठक रविवार को स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम में हुई। बैठक में 26 नवंबर को देशव्यापी आह्वान के तहत बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर किसान धरना-प्रदर्शन और प्रतिरोध मार्च करेंगे। किसान नेता अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार चुनाव में एनडीए की अप्रत्याशित जीत से उत्साहित होकर सत्ता पक्ष की तानाशाही देश में शुरू हो गया है। किसानों और मजदूरों के अधिकारों पर हमले तेज हो गए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रेड यूनियन मजदूरों के अधिकारों पर हमले के रूप में मजदूर विरोधी चार श्रम कानून देश पर थोप कर मोदी सरकार ने अपनी कॉर्पोरेट परस्त नीतियां जग जाहिर कर दी है। नीतीश सरकार को कमजोर करने के साथ बुलडोजर राज बिहार में भी शुरू हो गया है। पटना के गरीब मुहल्लों के झोपड़पट्टियों पर बुलडोजर चला कर गृहमंत्री सम्राट चौधरी ने यह साबित कर दिया है। यह इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में किसानों एवं मजदूरों के अधिकारों पर हमले तेज होंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता के दमन के खिलाफ किसानों-मजदूरों को संगठित होकर मुकाबले के लिए सड़क पर उतरना होगा। बैठक में अमेरिका महतो, अनिल कुमार सिंह, देव कुमार, मनीष कुमार, ब्रजेश राय, अश्वनी कुमार चौबे, मुन्ना तिवारी, मो मेराज खान और भूषण कुमार ने भी अपनी बातें रखी।
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