पटना में कृषि विभाग की अधिकारी अर्यमा दीप्ति का पता 24 घंटे बाद भी नहीं चला है। शादी के सिर्फ 23 दिन हुए है। हनीमून के लिए नेपाल गई थी और वहां से लौटकर ड्यूटी जॉइन की और अब 26 दिसंबर की शाम से लापता हैं। शुरुआती 24 घंटे में पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। उनका मोबाइल का सुबह ऑन होना, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और बदलती लोकेशन को पुलिस आधार बनाकर जांच कर रही है। शुक्रवार को आखिरी लोकेशन अथमलगोला थाना क्षेत्र के उस्मानपुर में मिली, जबकि इसके बाद फतुहा में सुबह फोन ऑन किया गया है। पुलिस को कॉल डिटेल से पता चला है कि आखिरी कॉल किसी लड़के की आई है, वो या तो अर्यमा से मिलने आया या रिसीव करने। पुलिस अब उस नंबर की लोकेशन ट्रैस कर रही है। जो लड़के का नंबर है वो भागलपुर का बताया जा रहा है। अर्यमा की शादी कब हुई थी..? वे हनीमून पर कहां गए? 26 दिसंबर को अर्यमा कैसे गायब हुई? ये जानने के लिए भास्कर टीम ने पुलिस की पड़ताल को खंगाला..पढ़िए रिपोर्ट..। अर्यमा गायब कैसे हुई, पति ने ऑफिस छोड़ा पर गई नहीं 26 दिसंबर की सुबह अर्यमा दीप्ति रोज की तरह तैयार होकर ड्यूटी पर जाने की तैयारी में थीं। पति शुभम ने उन्हें घर से ऑफिस के लिए छोड़ा। यह बात अब जांच का अहम हिस्सा बन चुकी है। पति के मुताबिक, वो अर्यमा को लेकर सुबह घर से निकले और रास्ते में छोड़ दिया। उस वक्त किसी तरह की कोई बहस या बातचीत नहीं हुई। अर्यमा शांत थीं और रोज की तरह ड्यूटी की बात कर रही थीं। रास्ते में छोड़ने के बाद शुभम अपने काम पर चले गए। लेकिन ऑफिस के रिकॉर्ड और सहकर्मियों के बयान के मुताबिक, अर्यमा उस दिन ऑफिस पहुंचीं ही नहीं। न उन्होंने अटेंडेंस दर्ज कराई, न किसी मीटिंग या काम में शामिल हुईं। पुलिस अब इस सवाल का जवाब तलाश रही है कि अगर पति ने उन्हें ऑफिस के लिए छोड़ा, तो फिर वह रास्ते से कहां गईं? क्या उन्होंने रास्ते में ही कहीं उतरने को कहा? क्या किसी से मिलने का पहले से कोई प्लान था? दोपहर 2 बजे बात हुई, बोलीं- घर पर हूं अर्यमा किराए का कमरा लेकर बख्तियारपुर में रहती थी। शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे पति से बातचीत होती है। बातचीत सामान्य बताई जाती है। अर्यमा कहती हैं कि ऑफिस के काम से घर आई हैं। इसके बाद लगभग दो घंटे बाद उनके गायब होने की कहानी शुरू हो जाती है। शाम करीब 4 बजे भाई से आखिरी बातचीत बताई जाती है। बातचीत छोटी थी, किसी खतरे का संकेत नहीं। वह भाई को भी यही बताती हैं कि घर पर हूं, लेकिन उसके बाद उनका संपर्क टूट जाता है। कॉल नहीं लगती, मैसेज का जवाब नहीं मिलता। परिवार पहले इसे नेटवर्क या व्यस्तता मानता है। लेकिन समय बीतने के साथ चिंता बढ़ती है। किराए के कमरे के आसपास पूछताछ होती है। ऑफिस से जानकारी ली जाती है। कोई ठोस सुराग नहीं मिलता है। यहीं से मामला संदिग्ध हो जाता है। शाम के बाद मोबाइल ट्रेस और लोकेशन बदला शाम होते-होते पति गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। पुलिस CDR खंगालती है। इसी दौरान एक अहम तथ्य सामने आता है लापता होने के बाद शनिवार सुबह के वक्त मोबाइल एक बार ऑन हुआ। CDR और लोकेशन डेटा से पता चलता है कि शुक्रवार को अर्यमा की आखिरी लोकेशन उस्मानपुर (अथमलगोला) में थी। इसके बाद सुबह फतुहा की लोकेशन मिलती है। लोकेशन का बदलना संकेत देता है कि या तो अर्यमा मूवमेंट में थीं या फोन किसी और के पास था। पुलिस अब उन रास्तों, संभावित पिक-अप पॉइंट्स और संपर्कों पर फोकस कर रही है, जो उस्मानपुर से फतुहा तक की कड़ी जोड़ते हैं। इसी कड़ी में एक कॉल नंबर सामने आया है, जिस पर आखिरी बातचीत हुई। पुलिस उसी नंबर से लोकेशन ट्रेस कर रही है। पुलिस के अनुसार ये आखिरी बातचीत किसी लड़के से हुई है। संभवत: ये लड़का या तो अर्यमा से मिलने आया था या उसे रिसीव करने। किडनैप की आशंका को परिवार ने किया खारिज दैनिक भास्कर रिपोर्टर आर्यन दीप्ति के घर पर पहुंचें। यहां उनकी भाभी और उनके पिता मौजूद थे। उन्होंने अपहरण की आशंका को खारिज किया। उनका कहना है कि हमारी बच्ची ज्यादा सुंदर भी नहीं थी। अपहरण कैसे हो सकता है। भाभी इसके बाद रोने लगती है। शादी से हनीमून और लौटने तक: 20 दिन का सफर अर्यमा दीप्ति की शादी 4 दिसंबर को हुई थी। यह पूरी तरह अरेंज मैरिज थी। दोनों परिवारों की सहमति से शादी हुई थी। शादी पटना के बजाय बेगूसराय में हुई। शादी के बाद अर्यमा और उनके पति नेपाल हनीमून पर गए। परिवार के अनुसार, यह ट्रिप पूर्व-निर्धारित थी। दोनों कुछ दिन वहां रुके। फोटो और बातचीत से कोई तनाव सामने नहीं आया। 20 दिसंबर के आसपास वे नेपाल से लौटे। लौटते ही अर्यमा ने ड्यूटी जॉइन की। बख्तियारपुर में तैनाती संभाली। सहकर्मी बताते हैं कि वह काम पर फोकस्ड थीं। समय पर आती-जाती थीं। परिवार का कहना है कि शादी और हनीमून के बाद उनके व्यवहार में कोई असामान्य बदलाव नहीं दिखा। वह करियर को लेकर स्पष्ट थीं। यही वजह है कि 26 दिसंबर को अचानक लापता होना सबके लिए चौंकाने वाला है। पढ़ाई और कथित अफेयर एंगल, भागलपुर से जुड़ रही कड़ी अर्यमा दीप्ति ने भागलपुर स्थित बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (BAU) से पढ़ाई की है। पढ़ाई के दौरान उनकी पहचान कई सहपाठियों से हुई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसी दौर में एक युवक से बातचीत की बात सामने आई है। पुलिस इस एंगल को अफेयर मानकर भी जांच कर रही है। यह देखा जा रहा है कि क्या पढ़ाई के समय का कोई संपर्क हाल में फिर सक्रिय हुआ। क्या उसी लड़के से 26 दिसंबर को कॉल हुआ। पुलिस स्पष्ट कह रही है कि यह सिर्फ एक जांच एंगल है। अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा गया है। कॉल डिटेल और चैट्स की पुष्टि के बाद ही स्थिति साफ होगी। लास्ट लोकेशन फतुहा, कॉल, मुलाकात या रिसीव करने आया? जांच का सबसे अहम बिंदु फतुहा की लोकेशन है। पुलिस के अनुसार, यहां से एक कॉल की पुष्टि हुई है। सवाल यह है क्या वह युवक अर्यमा से मिलने आया था या अर्यमा ने उसे रिसीव करने बुलाया था? फतुहा क्षेत्र में संभावित मुलाकात स्थलों, ट्रांजिट पॉइंट्स और कैमरों की जांच की जा रही है। पुलिस यह भी देख रही है कि उस समय सार्वजनिक परिवहन या निजी वाहन का उपयोग हुआ या नहीं। मोबाइल के सुबह ऑन होने का मतलब है कि फोन निष्क्रिय नहीं था। इससे यह संभावना बनती है कि संपर्क बना रहा, लेकिन किसी वजह से परिवार से नहीं किया गया।
पुलिस अब उसी कॉल नंबर के मूवमेंट, लोकेशन हिस्ट्री और संपर्कों को जोड़कर पूरी तस्वीर बनाने की कोशिश कर रही है। पुलिस तीन एंगल पर जांच कर रही
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