मुंगेर के अपर और जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम अमित रंजन उपाध्याय ने 22 साल पुराने हत्या के एक मामले में फैसला सुनाया है। न्यायाधीश ने सच्चिदा मंडल उर्फ मास्टर उर्फ शकीरवा को शंभू मंडल की हत्या और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और दस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई। आरोपी बरियारपुर थाना क्षेत्र के कल्याणचक, चाई टोला का निवासी है। अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक प्रणव कुमार ने बताया कि यह घटना 15 अगस्त 2003 को हुई थी। उस दिन बरियारपुर थाना के चाई टोला गांव के शंभू मंडल अपनी पत्नी और भतीजे के साथ पुरबसराय रेलवे स्टेशन के पास सब्जी बेचने आए थे। सब्जी बेचने के बाद शंभू मंडल शेष सब्जी बेचने के लिए रेलवे लाइन के समीप गए। शंभू मंडल की गर्दन पर देसी कट्टा सटाकर गोली मार दी इसी दौरान सच्चिदा मंडल ने शंभू मंडल की गर्दन पर देसी कट्टा सटाकर गोली मार दी। गोली लगने से शंभू मंडल की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक के भतीजे फातो मंडल ने कोतवाली थाना में प्राथमिकी संख्या 359 दर्ज कराई थी। हत्या का मुख्य कारण जमीन विवाद इस मामले में सच्चिदा मंडल घटना के बाद से फरार चल रहा था। पुलिस ने उसे 9 जनवरी 2021 को गिरफ्तार किया और न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। हत्या का मुख्य कारण जमीन विवाद बताया गया है। मामले में कुल छह लोगों को आरोपी बनाया गया था अभियोजन पक्ष ने यह भी बताया कि इस मामले में कुल छह लोगों को आरोपी बनाया गया था। हालांकि, न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में अन्य पांच आरोपियों को बरी कर दिया था। मुख्य आरोपी सच्चिदानंद मंडल को आज दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई है।
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