निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने वर्ष 2025 में भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई दर्ज की है। इस साल कुल 122 एफआईआर दर्ज की गईं, जो पिछले वर्ष 2024 में दर्ज 15 मामलों की तुलना में आठ गुना से अधिक हैं। यह आंकड़ा पिछले 25 वर्षों के औसत 72.6 मामलों प्रति वर्ष को भी पीछे छोड़ गया है। बुधवार को विभागीय सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान डीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने यह जानकारी साझा की। डीजी बोले- 2026 में 175 FIR दर्ज करने का लक्ष्य डीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि 2025 में दर्ज कुल 122 मामलों में से 101 एफआईआर ट्रैप यानी रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़े जाने से संबंधित हैं। कुल मामलों में ट्रैप की हिस्सेदारी लगभग 82 प्रतिशत रही, जिसे डीजी ने निगरानी की सक्रिय रणनीति और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम बताया। डीजी जितेंद्र गंगवार ने आगामी वर्ष की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2026 में निगरानी की कार्रवाई और तेज की जाएगी। वर्ष 2026 के लिए कम से कम 175 एफआईआर दर्ज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन मामलों में ट्रैप, आय से अधिक संपत्ति (DA) और पद के भ्रष्ट दुरुपयोग से जुड़े मामले शामिल होंगे। DG के अनुसार, भ्रष्टाचार के खिलाफ यह अभियान अब केवल कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे निर्णायक अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि 2026 में तीन नई पहलें शुरू की जाएंगी, जिनका मुख्य फोकस कार्रवाई और दोषियों को सजा दिलाने दोनों पर होगा। डीजी ने निगरानी विभाग की 3 अहम नई पहलों की घोषणा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को मिलेगा ज्यादा पावर DG जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि निगरानी विभाग को और भी सशक्त, मजबूत और प्रभावी बनाने की दिशा में प्रस्ताव बिहार पुलिस मुख्यालय को भेज दिया गया है। जिसमें 4 एसपी ,9 डीएसपी, 30 इंस्पेंटर और 20 सब इंस्पेक्टर की नियुक्ति की जल्द की जाएगी। विभाग को जल्द ही 70 गाड़ियों की सौगात भी मिलेगा, जिससे अधिकारियों को भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का बल मिलेगा।
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