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150 करोड़ की लागत से बन रहा ROB:उन्नाव में जाम से निजात मिलेगी, सफर आसान होगा, 4 साल पहले रखी गई थीं नींव

उन्नाव में सरैयां क्रॉसिंग रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण कार्य तेज हो गया है। राज्यसेतु निगम द्वारा बीम ढलाई, डेक निर्माण और स्लैब डालने का काम युद्धस्तर पर जारी है। परियोजना का ऊपरी ढांचा दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्रवासियों को ट्रेन फाटक बंद होने और जाम की समस्या से वर्षों से मिल रही परेशानी से राहत मिलेगी। वर्तमान में, सरैयां रेलवे क्रॉसिंग पर प्रतिदिन घंटों जाम लगता है, जिससे सैकड़ों वाहन चालक और राहगीर प्रभावित होते हैं। लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह ओवरब्रिज बैराज मार्ग को मरहला चौराहे से जोड़ेगा। यह मार्ग उन्नाव शहर को कानपुर, रायबरेली और लखनऊ से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी है। तेजी से चल रहा राज्यसेतु निगम का कार्य
राज्यसेतु निगम की कानपुर इकाई इस परियोजना को क्रियान्वित कर रही है। जानकारी के अनुसार, कुल 28 पिलर बनाए जा चुके हैं। इनमें से बैराज मार्ग की ओर बने आठ पिलरों पर स्लैब कार्य पिछले वर्ष ही पूरा हो गया था। अब सरैयां क्रॉसिंग से मरहला चौराहा तक शेष 20 पिलरों पर ऊपरी संरचना तैयार की जा रही है। कार्यदायी संस्था के अभियंताओं के मुताबिक, पियरकैप डालने के बाद बीम ढलाई और डेक निर्माण का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। मरहला के पिलर नंबर 26 के पास स्लैब निर्माण के लिए मिट्टी भराई भी जारी है। निगम के अनुसार, यदि मौसम अनुकूल रहा तो दिसंबर 2025 तक आरओबी के ऊपरी हिस्से का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। रेलवे के पिलरों पर काम ठप
हालांकि, परियोजना में अब रेल प्रशासन की सुस्ती बड़ी बाधा बनती दिख रही है। रेलवे के हिस्से के पिलरों पर फिलहाल काम रुका हुआ है। जानकारी के मुताबिक, क्रॉसिंग के दोनों ओर बनने वाले दो पिलर रेलवे क्षेत्र में आते हैं, जिनकी अनुमति और निर्माण की जिम्मेदारी रेलवे विभाग की है। राज्यसेतु निगम ने इस बारे में रेलवे के चीफ इंजीनियर को कई बार पत्राचार किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। परिणामस्वरूप, इस देरी से परियोजना की समयसीमा पर असर पड़ने की आशंका है। निगम अधिकारियों का कहना है कि अगर रेलवे जल्द निर्माण की अनुमति और कार्य शुरू नहीं करता, तो दिसंबर की निर्धारित डेडलाइन पूरी करना मुश्किल होगा। स्थानीय लोगों को हो रही भारी परेशानी
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सरैयां क्रॉसिंग पर प्रतिदिन घंटों तक जाम की स्थिति बनी रहती है। ट्रेन गुजरने के दौरान फाटक बंद होने से वाहन चालकों को 15 से 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है। कई बार एंबुलेंस और स्कूली वाहन भी जाम में फंस जाते हैं। निवासी रमेश चंद्र, सुनील सिंह और प्रिया मिश्रा का कहना है कि ब्रिज बनने से न केवल यातायात सुगम होगा बल्कि आसपास के व्यापारिक क्षेत्रों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा। फिलहाल, लोगों को फाटक बंद मिलने पर 15 किलोमीटर का लंबा चक्कर काटकर मरहला चौराहे की ओर जाना पड़ता है। कई बार बदली जा चुकी है डेडलाइन
इस आरओबी परियोजना की नींव लगभग चार साल पहले रखी गई थी, लेकिन विभिन्न तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से काम की रफ्तार धीमी रही। पहले इसे 2023 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य था, जिसे बाद में 2024 तक बढ़ा दिया गया। अब 2025 के दिसंबर तक इसे पूरा करने की नई डेडलाइन तय की गई है। क्षेत्र के विकास की जीवनरेखा बनेगा आरओबी
सरैयां क्रॉसिंग आरओबी के निर्माण से क्षेत्र के हजारों लोगों को राहत मिलेगी। यह ओवरब्रिज न केवल शहर के यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि लखनऊ-कानपुर राजमार्ग से शहर के अंदरूनी इलाकों तक पहुंच भी आसान करेगा। साथ ही, स्कूल, कॉलेज, औद्योगिक इकाइयों और अस्पतालों तक पहुंच का समय भी कम होगा। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि आरओबी के आसपास सड़क चौड़ीकरण और जल निकासी व्यवस्था के काम को भी शामिल किया गया है, ताकि भविष्य में जलभराव की समस्या न हो। कई बार बड़ी डेडलाइन, काम फिर भी अधूरा
सरैयां आरओबी परियोजना की डेडलाइन पिछले तीन वर्षों में तीन बार बदली जा चुकी है। पहले इसे 2023 में पूरा होना था, लेकिन फंडिंग, रेलवे अनुमति और ठेकेदार बदलाव के कारण निर्माण रुकता चला गया। अब दिसंबर 2025 तक इसे पूरा करने की नई समयसीमा तय की गई है। वाहन सवारों को काटना पड़ रहा 15 किलोमीटर का चक्कर
रेलवे फाटक बंद होने पर बैराज मार्ग से मरहला चौराहा पहुंचने के लिए लोगों को करीब 15 किमी दूर से घूमकर जाना पड़ता है। इससे पेट्रोल-डीजल की बर्बादी के साथ यात्रियों को समय और परेशानी दोनों का सामना करना पड़ता है। रेलवे क्रॉसिंग खुलने के इंतजार में सफ़र में लग रहा ज्यादा समय
हर दिन औसतन 50 से अधिक ट्रेनें गुजरने के कारण फाटक अधिकतर समय बंद रहता है। इस वजह से वाहन चालकों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में लगभग दोगुना समय लग रहा है। लोग अब जल्द से जल्द आरओबी का निर्माण पूरा होने की मांग कर रहे हैं।


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